यह है सरकारी अस्पतालों की िस्थति: पुराने अलवर जिले में 5 सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है। इसमें से केवल 2 चिकित्सा संस्थानों में ही सोनोग्राफी की सुविधा दी जा रही है। इसमें भी स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार अलवर के जिला अस्पताल में 4 सोनोग्राफी की मशीन है। इसमें सामान्य अस्पताल व महिला अस्पताल में 2-2 मशीन है, लेकिन इसमें से केवल 2 मशीन ही उपयोग में आ रही है। जबकि एक मशीन जेल डिस्पेंसरी में है, यहां आवश्यकता पड़ने पर जिला अस्पताल से ही एक चिकित्सक उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही एक मशीन भिवाड़ी के जिला अस्पताल में संचालित है। वहीं, सेटेलाइट अस्पताल काला कुआं और राजगढ़ सीएचसी पर सोनोग्राफी की मशीन तो उपलब्ध है, लेकिन स्टाफ नहीं होने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
जिले में एक भी रेडियोलोजिस्ट नहीं:
कहने को तो अलवर जिले में मेडिकल कॉलेज संचालित है, लेकिन यहां काफी लंबे समय से एक भी रेडियोलोजिस्ट नहीं है। फिलहाल अलवर व भिवाड़ी जिला अस्पताल में डिप्लोमाधारक चिकित्सक सोनोग्राफी करा रहे हैं। इसके साथ ही बानसूर अस्पताल में 2 एवं बहरोड़, तिजारा व मालाखेड़ा सीएचसी और खैरथल सेटेलाइट अस्पताल में एक-एक डिप्लोमाधारक चिकित्सक कार्यरत है, लेकिन यहां सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध नहीं है।
कहां कितने सोनोग्राफी सेंटर्स:
अलवर शहर में 49 एवं लक्ष्मणगढ़, थानागाजी, राजगढ़, रामगढ़ व कठूमर में 2-2 सोनोग्राफी सेंटर संचालित हैं। इसी तरह बानसूर में 4, किशनगढ़बास में 6, बहरोड़ में 7, नीमराना में 6 व तिजारा में 18 सोनोग्राफी सेंटर
संचालित हैं।