निकाय चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद दोनों ही प्रमुख दलों ने रिसोर्ट की राजनीति शुरू कर दी है। बहुमत जुटाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने नवनिर्वाचित पार्षदों को बाड़ेबंदी कर अलग-अलग रिसोर्ट में पहुंचाया है। इस बार निकायों के चेयरमैन का चुनाव 26 व उप सभापति का चुनाव 27 नवम्बर को होना है, इस कारण नव निर्वाचित पार्षदों का मंगलवार से 27 नवम्बर तक महंगे रिसोर्ट में रुकना तय माना जा रहा है।
टूट के भय से बार-बार बदलने पड़ते हैं रिसोर्ट : दोनों ही दल एक-दूसरे की ओर से पार्षदों की टूट को लेकर इतने भयभीत है कि उन्हें बाड़ाबंदी के अपने ठिकाने भी बदलना जरूरी हो गया है। वहीं भिवाड़ी व थानागाजी के नव निर्वाचित पार्षदों को हरियाणा राज्य के महंगे रिसोर्ट में ठहराया गया है।
दोनों दलों के बाड़े में 40 से ज्यादा पार्षद दोनों ही दलों की ओर से नव निर्वाचित पार्षदोंं की बाड़ाबंदी में 40 से ज्यादा लोग हैं। इतने लोगों को किसी रिसोर्ट में अलग-अलग या दो बैड वाले कमरों में ठहराने व भोजन आदि पर प्रतिदिन कई लाख रुपए का खर्च होना तय है। नव निर्वाचित पार्षदों का इन कैम्पों में करीब एक सप्ताह रुकना तय है, यानि दोनों ही दलों के रणनीतिकारों को बोर्ड बनाने से पूर्व ही नव निर्वाचित पार्षदों पर कई लाखों रुपए खर्च होने का अनुमान है।