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अलवर

राजस्थान के किसान ने अपनी मेहनत आैर तकनीक से मरूभूमि पर बिखेरी चंदन की महक

राजस्थान के एक किसान ने अपनी लगन, मेहनत तथा तकनीक के सहारे मरूभूमि पर चंदन की खुशबू बिखेरने में सफलता प्राप्त की है।

अलवरJan 02, 2018 / 03:20 pm

Santosh Trivedi

Sandalwood Cultivation in Rajasthan
अलवर। राजस्थान में अलवर के एक किसान ने अपनी लगन, मेहनत तथा तकनीक के सहारे मरूभूमि पर चंदन की खुशबू बिखेरने में सफलता प्राप्त की है। चंदन की खेती देखने दूर-दूर से किसान आ रहे है। कौशिक परिवार की यह मेहनत अलवर जिले से शुरू होकर संपूर्ण पूर्वी राजस्थान में चंदन की खुशबू बखेरने में सहायक होगी।
अलवर जिले की कठूमर तहसील के ग्राम हाजीपुर के किसान प्रकाश कौशिक व उसके परिवार ने अपनी जमीन पर घटती पैदावार को देखते हुए कुछ नया करने की सोच के साथ चंदन के पेड़ लगाने का निर्णय कर आंध्रप्रदेश के एक किसान के सम्पर्क किया तथा उससे चंदन के पेड़ लगाने की तमाम जानकारी प्राप्त की।
प्रकाश के पुत्र नरेन्द्र कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि चंदन की खेती पर ध्यान केंद्रित करने के बाद डिजिटल इंडिया को माध्यम बनाकर खेती के बारे में पूर्ण जानकारी ली जो आज फलने-फूलने लगी है। चंदन की खेती के लिए मुख्यत: पानी व मिट्टी का मेल होना जरूरी है।
कौशिक ने अपने इस प्रयास को एक सट्टा मानते हुए आंध्र प्रदेश की एक कंपनी के माध्यम से अपने जमीन पर 450 पेड़ लगवाए और समय समय पर नेट और टेलीफोन के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर पेड़ों की देखभाल करते रहे, जो आज करीब सात से आठ फुट की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।
कौशिक ने चंदन के पौधों की परजीवी से सुरक्षा के लिए चारों तरफ मेंहदी की कलम लगानी पड़ती है। अधिक सर्दी तथा तपन से बचाने के लिए इनके साथ अरहड़ की खेती भी की जाती है। निराई गुड़ाई के साथ दीमक से बचाने के लिए नियमित रूप से दवा का प्रयोग किया जाता है। ताकि चंदन के पेड़ हर तरह के वातावरण से सुरक्षित रह सके।
प्रकाश कौशिक ने यह भी बताया कि 5 साल बाद चंदन का पेड़ खुशबू देने लगता है तथा 10 वर्ष पश्चात पूर्ण तैयार हो जाता है। वर्तमान में 450 पेड़ों में से 360 पेड़ सुरक्षित है। कौशिक ने बताया कि उनको इस प्रयास में मिली सफलता के बाद पिछले 6 माह से हाजीपुर में चंदन की खेती को देखने गुजरात, हरियाणा, भरतपुर तथा उदयपुर तक के लोग आ रहे हैं। वहीं कुछ अन्य कृषकों ने भी अब अपने खेतों में चंदन की खेती करने का मानस बना लिया है।
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