वर्ष 2005 में सरिस्का sariska tiger news में बाघों के सफाए के कारणों की जांच एवं इस पर रोक के लिए सुझाव देने के लिए राज्य सरकार की ओर से तत्कालीन सांसद वीपी सिंह की अध्यक्षता में स्टेट एम्पावर्ड कमेटी ऑन फोरेस्ट एण्ड वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट का गठन किया गया था। कमेटी ने सरिस्का में बाघों के शिकार, जंगल में शिकारियों की आसान पहुंच एवं सरिस्का के बाघ विहीन होने के कारणों की जांच कर सरकार को सुझाव दिए थे।
sariska tiger news कमेटी ने सरकार को ये दिए थे सुझाव वीपी सिंह कमेटी ने सरिस्का की सुरक्षा के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करने पर बल दिया। सरिस्का में बसे 28 गांवों एवं पैराफेरी में बसे अन्य गांवों के विस्थापन को जरूरी बताया। बाघों की मॉनिटरिंग व रिसर्च को मजबूत करने की जरूरत बताई। इसके अलावा पर्यटकों की बढ़ती भीड़ पर नियंत्रण, धार्मिक पर्यटन से बढ़ते मानवीय दखल के साथ ही सरिस्का में शिकार करने वाले समुदाय की मौजूदगी को बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए बड़ा खतरा करार दिया था । कमेटी ने सरिस्का क्षेत्र से गुजरने वाले दो स्टेट हाइवे पर वाहनों की आवाजाही कड़ाई से रोकने को कहा था।
वनकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरी सरिस्का में वनरक्षकों, वनपाल सहित अन्य वन अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का सुझाव भी कमेटी ने दिया था। वर्ष 2005 में सरिस्का के 881 वर्ग किलोमीटर की 75 बीटों के लिए 225 वन रक्षकों की जरूरत बताई थी। वर्तमान में सरिस्का का क्षेत्रफल बढकऱ 1213 वर्ग किलोमीटर और बीटों की संख्या 102 हो गई है। इस लिहाज से वर्तमान में सरिस्का में करीब 400 वन रक्षक व अन्य स्टाफ की जरूरत है। कमेटी ने सुरक्षा में लगे वनकर्मियों को 45 साल की उम्र होने के बाद इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का सुझाव भी दिया था। वीपी सिंह कमेटी ने सरिस्का में बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर रिजर्व की सीमा पर हो रहे वैध एवं अवैध खनन पर रोक को जरूरी माना था।
नहीं हुआ सुझावों पर अमल वीपी सिंह कमेटी की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपे कई साल बीत गए, लेकिन रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। ना ही गांवों का सरिस्का से विस्थापन हो पाया है। सरकार ने सरिस्का में वनकर्मियों की संख्या भी जरूरत के हिसाब से नहीं बढ़ाई।