जयपुर मार्ग िस्थत अंबेडकर नगर में आवासों की संख्या 400 से अधिक है। यह कॉलोनी नगर विकास न्यास की ओर से स्वीकृत है। यहां से हर दिन रजिस्ट्री के लिए तहसील में 10 से 12 आवेदन पहुंच रहे हैं। इसी तरह भूगोर, खुदनपुरी, देसुला, कैमला, वैशाली नगर में भी लोग प्लाट आदि खरीदकर आवास बना रहे हैं। तहसील के आंकड़ों के मुताबिक हर माह 450 से अधिक रजिस्टि्रयां इन्हीं इलाकों की हो रही हैं। सामने आ रहा है कि अधिकांश इलाकों के रास्ते मानकों के मुताबिक नहीं हैं। पानी से लेकर अन्य दिक्कतें भी हैं। फायर बिग्रेड की गाड़ी वहां तक पहुंचेगी या नहीं, यह भी नहीं देखा जा रहा है।
25 लाख से ज्यादा की प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के लिए होता है निरीक्षण 25 लाख से ज्यादा की प्रापर्टी की रजिस्ट्री के लिए पंजीयन कार्यालय की टीम मौके पर जाकर मुआयना करती है। उसके लिए अधिकारियों को बाकायदा सेल्फी आदि अपलोड करनी होती हैं। अब नई व्यवस्था में 50 लाख से ज्यादा की प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के लिए अधिकारी मौका मुआयना करेंगे।
कॉलोनाइजर्स की आ रही बाढ़, नियम ताक पर शहर के बाहरी इलाकों में कॉलोनाइजर्स की संख्या में लगातार वृदि्ध हुई है। लोग उनके झांसे में आ रहे हैं जबकि प्लांट या आवास लेने से पहले लोगों को पूरी तफ्तीश करनी चाहिए जो हो नहीं रही है। नगर विकास न्यास नियमों के पालन के लिए है लेकिन वह भी समुचित कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
अंबेडकर नगर, वैशाली नगर, खुदनपुरी, भूगोर आदि इलाकों से रजिस्टि्रयां काफी संख्या में हो रही हैं लेकिन अनियोजित विकास चिंता का विषय है। अनिल गोयल, उप पंजीयक अलवर द्वितीय