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अलवर

वो कौन है, जिसके लिए बनानी पड़ी सड़क

अलवर. सांसद निधि से एक ऐसी सड़क बनाने का मामला सामने आया है जो एक व्यक्ति विशेष को ही लाभ देने के लिए किया गया। इसका खुलासा राज्य स्तरीय जांच टीम ने किया है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश जिला परिषद के अफसरों को दिए गए लेकिन उन्हें आदेशों को हवा में उड़ा दिया गया। यही नहीं इस प्रकरण की विस्तृत जांच की संस्तुति जांच टीम ने की थी लेकिन अब तक इसको लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया।

अलवरJun 06, 2023 / 11:28 am

susheel kumar

वो कौन है, जिसके लिए बनानी पड़ी सड़क

वो कौन है, जिसके लिए बनानी पड़ी सड़क

अलवर. सांसद निधि से एक ऐसी सड़क बनाने का मामला सामने आया है जो एक व्यक्ति विशेष को ही लाभ देने के लिए किया गया। इसका खुलासा राज्य स्तरीय जांच टीम ने किया है। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश जिला परिषद के अफसरों को दिए गए लेकिन उन्हें आदेशों को हवा में उड़ा दिया गया। यही नहीं इस प्रकरण की विस्तृत जांच की संस्तुति जांच टीम ने की थी लेकिन अब तक इसको लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया।
मामला बहरोड़ क्षेत्र की ग्राम पंचायत खोहरी के खापरिया गांव का है। सांसद निधि से सीसी रोड महावीर पुत्र जौहरी लाल के मकान से प्रधानमंत्री सड़क एफएस 707-10 तक स्वीकृत थी। 19 जून 2020 को इसे मंजूरी मिली। करीब पांच लाख रुपए इसके लिए पास किए गए। जांच टीम ने पाया कि सीसी सड़क स्वीकृति से इतर महावीर के खेत के कोने से महावीर के घर के सामने तक बनवाई गई है। टीम ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य किया गया है जबकि आधा कार्य अपूर्ण पड़ा है। कार्य में जब 40 एमएम की मिट्टी की पीसीसी की गई है तो अर्थवर्क के ऊपर क्योरी रबिस डालना उचित प्रतीत नहीं होता। माप पुस्तिका के अनुसार 31 हजार रुपए की अनियमितता है, जिसकी विस्तृत जांच प्रस्तावित है। यह प्रकरण 16 नवंबर 2022 को कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के सामने जिला परिषद में हुई बैठक में पहुंचा तो वह स्तब्ध रह गए। उन्होंने संबंधित कनिष्ठ अभियंता पर ठोस कार्रवाई कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी। कहा कि सरकारी धन से व्यक्ति विशेष को लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता। मंत्री के इस आदेश को हवा में उड़ा दिया गया। अब तक कार्रवाई सामने नहीं आई। बताते हैं कि यह कार्य ग्राम पंचायत स्तर से करवाया गया लेकिन इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित विभाग व जिला परिषद के अफसरों की थी, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया। परिषद के सीईओ कनिष्क कटारिया का कहना है कि इस प्रकरण के बारे में पता करेंगे।

बिचगावां प्रकरण भी दबा गए अफसर
प्रदेश स्तरीय जांच टीम ने पाया कि लक्ष्मणगढ़ की ग्राम पंचायत बिचगावां में नरेगा योजना का रजिस्टर नहीं मिला जबकि इसी रजिस्टर के जरिए लाखों रुपए का भुगतान होता है। टीम ने इसे बड़ी लापरवाही माना। इस पर भी कैबिनेट मंत्री ने नाराजगी जताते हुए ग्राम विकास अधिकारी पर जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे लेकिन यह प्रकरण भी दबा दिया गया। जानकारों का कहना कि यदि राज्य स्तरीय जांच टीम की रिपोर्ट को नए अफसर पढ़ें तो कई खुलासे होंगे।
खोहरी के खापरिया में सड़क प्रस्ताव हमारी ओर से गया है, इसके बारे में सुबह जानकारी करेंगे। यदि ग्राम पंचायत स्तर से प्रस्ताव आया है तो सरपंच बाकायदा सार्वजनिक जगह दर्शाते हैं। उसी के तहत एजेंसी काम करती है। किसी निजी व्यक्ति के लिए पैसे जारी नहीं होते। प्रस्ताव में ये जरूर लिखा जाता है कि इस घर से उस घर तक सड़क बनाई जाए।
– बालकनाथ, सांसद अलवर

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