भूपेंद्र हुड्डा अपने गुट के विधायकों के साथ लंबे समय से अशोक तंवर ( Ashok Tanwar ) के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। कांग्रेस के खेमों में बंटने के कारण पिछले पांच साल के दौरान हरियाणा में हुए सभी चुनावों ( Election ) में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इस बीच पार्टी ने प्रदेश में तीन प्रभारी भी बदले हैं, लेकिन कांग्रेसियों की लड़ाई खत्म ही नहीं हो रही है।
अब हुड्डा ने विपक्ष तथा कांग्रेस हाईकमान को बड़ा संदेश देने के लिए नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत हाईकमान को हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन के लिए 18 अगस्त तक का समय दिया गया है और इसी दिन रोहतक ( Rohtak ) में रैली का ऐलान किया है। यह भी साफ है कि तंवर इसका समर्थन नहीं करेंगे। ऐसे में हुड्डा अपने गुट के विधायकों के माध्यम से रोहतक में शक्ति प्रदर्शन कर हाईकमान को संदेश देने का प्रयास करेंगे कि नेतृत्व परिवर्तन भले ही नहीं किया गया, लेकिन विधायक ( vidhayak ) आज भी उनके साथ है।
हुड्डा खेमे के सूत्रों की मानें तो 18 अगस्त तक तंवर को नहीं बदला गया तो हुड्डा नई पार्टी का गठन तो नहीं करेंगे, अलबत्ता कांग्रेस में रहकर कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष करेंगे। रैली के बाद वे प्रदेश में अपना गुट खड़ा करेंगे। वहीं भाजपा को भी बड़ा संदेश देने का प्रयास करेंगे। भाजपा ( BJP ) सितंबर में रोहतक में विजय संकल्प रैली ( Vijay Sankalp Raily ) करेगी। ऐसे में मोदी ( Modi ) के आगमन से पहले हुड्डा अपना दम दिखाकर जाटलैंड ( Jat Land ) में अपनी मजबूत पकड़ का अहसास करवाएंगे।
तंवर से नाराज कांग्रेसी बनेंगे हुड्डा की ढाल
अशोक तंवर कांग्रेस के ऐसे प्रदेशाध्यक्ष हैं जिनके कार्यकाल के दौरान अब तक जिला व ब्लाक कार्यकारिणी का गठन तक नहीं हो सका। लिहाजा पूर्व अध्यक्ष फूलचंद मुलाना के कार्यकाल में नियुक्त किए जिलाध्यक्ष व ब्लाक अध्यक्ष अब भी वही है। इन अध्यक्षों व पदाधिकारियों को अशोक तंवर ने कोई अहमियत नहीं दी। इसके चलते अब हुड्डा इन्हें हल्लाशेरी देकर अपने लिए खड़ा करेंगे।