कोरिया जिले के खडग़वां ब्लॉक के ग्राम पंचायत बड़े केलुआ में मनरेगा योजना से वर्ष 2015 में आरसीसी पुलिया निर्माण के लिए 11 लाख 85 हजार आवंटित की गई थी। निर्माण कार्य कराते समय औचक निरीक्षण में निर्माणाधीन पुलिया में भारी गड़बड़ी मिली थी और पुलिया निर्माण का स्थल ही बदल दिया गया था।
वहीं माप पुस्तिका में मूल्यांकन मिट्टी कार्य 7 लाख 81 हजार दर्ज किया गया था। जबकि 7 लाख 97 हजार का कार्य करा दिया गया था। इसके अलावा एक नग आरसीसी पुलिया निर्माण में 3 लाख 19 हजार की जगह 2 लाख 4 हजार, मजदूरी 45 हजार और सामग्री 1 लाख 60 हजार रुपए का कार्य कराने के दस्तावेज मिले थे। एसडीओ ने निरीक्षण प्रतिवेदन जनपद सीईओ को सौंपा था।
मामले में तकनीकी सहायक दीपक सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, जिसमें तकनीकी सहायक ने स्थल परिवर्तन स्वीकार किया था। जनपद सीईओ ने जांच कर पुलिया निर्माण औचित्यहीन बताया था। इसमें 2 लाख 4 हजार, मजदूरी 45 हजार 597 और सामग्री 1 लाख 60 हजार रुपए फिजूल खर्च होने की बात कही गई थी। जनपद सीईओ ने जिला पंचायत को तकनीकी सहायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और पुलिया निर्माण की लागत वसूलने पत्र लिखा गया था।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के जिला कार्यक्रम अधिकारी व कलेक्टर ने खडग़ंवा के सहायक प्रोग्रामर, तकनीकी सहायक सहित पांच अधिकारी-कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं। जिसमें सहायक प्रोग्रामर विनीता साहू, तकनीकी सहायक दीपक सिंह, जनपद लेखापाल गोपाल साहू, लिपिक अभिषेक सिन्हा, मनरेगा लेखापाल देवेंद्र कुमारी शामिल हैं। उन्होंने बर्खास्तगी आदेश की तामीली करने के लिए जनपद सीईओ को जिम्मेदारी दी है
यहां मिली थी गड़बड़ी
जिला पंचायत सीईओ तुलिका प्रजापति ने बताया कि एक मामले में ग्राम पंचायत भरदा के सरपंच की जनदर्शन में शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई थी। जिसमें मनरेगा के तहत खडग़वां जनपद में कार्यरत लेखापाल गोपाल साहू पर दबाव डालकर अन्य फर्म को भुगतान कराने का आरोप लगाया था।
जांच में शिकायत सही पाई गई थी। दूसरे मामले में लिपिक अभिषेक सिन्हा पर एक ही बिल की दो बार एंट्री कर ग्राम पंचायत बंजारीडांड में मनरेगा शौचालयों की सामग्रियों के भुगतान में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा खडगंवा के 2-3 अन्य ग्राम पंचायतों में भी सामग्री का अधिक भुगतान करने की शिकायत मिली थी। जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर मामले की जांच कराई और जांच में सही पाया गया।
जिससे मनरेगा शाखा खडग़ंवा के लेखापाल देवेन्द्र कुमारी सिंह, सहायक ग्रेड-3 अभिषेक सिन्हा को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं भुगतान के मामलों की समय पर संज्ञान लेने और उच्च अधिकारियों को जानकारी उपलब्ध कराने की एमआईएस का प्रभारी अधिकारी की जिम्मेदारी होती है।
लापरवाही बरतने वाले सहायक प्रोग्रामर विनीता साहू को बर्खास्त किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत बड़े कलुआ में महात्मा गांधी नरेगा से मिट्टी सड़क और एक नग पुलिया की स्वीकृति दी गई थी। रोजगार सहायक व निर्माण एजेंसी ने मिलकर गलत जगह पुलिया का निर्माण करा दिया था। मामले में रोजगार सहायक को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं लापरवाही बरतने वाले तकनीकी सहायक दीपक सिंह को बर्खास्त किया गया है।
लिपिक के खिलाफ एफआईआर दर्जसमाज कल्याण विभाग के लिपिक वीरनारायण साहू द्वारा दिव्यांग
कोटा से स्वीकृत 5 लाख में 4 लाख फर्जी बिल लगाकर दूसरे के खाते के माध्यम से आहरण करने पर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले में आरोपी लिपिक के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि शिकायत होने पर अपर कलेक्टर से जांच कराई गई थी। जिसमें 4 लाख फर्जी बिल लगाकर दूसरे के खाते के माध्यम से आहरण करना सही पाया गया था।