पुलिस ने बताया कि वाड्रफनगर निवासी अरूण कुशवाहा व ग्राम मुरकौल निवासी 49 वर्षीय प्रदीप कुमार आयाम की पारिवारिक मित्रता थी। अरुण कुशवाहा ने व्यवसाय करने के लिए एक ट्रक लिया था जिसमें प्रदीप ने भी पैसा लगाया था। दोनों के बीच लेन-देन को लेकर विवाद हो गया था।
इसी रंजिशवश ने प्रदीप ने अरुण के ४ माह के पुत्र के अपहरण कर फिरौती वसूलने की साजिश रच डाली। इस साजिश में उसने अपने साथियों ग्राम मुरकौल निवासी ३२ वर्षीय संतु सोनी, 37 वर्षीय नाथूराम मरकाम, 25 वर्षीय पंकज यादव व गोंदली निवासी स्याही प्राथमिक शाला के शिक्षक 32 वर्षीय प्रेमचंद सिंह को भी शामिल किया। योजना के तहत आरोपी अल्टो कार से 13 अक्टूबर की शाम लगभग 5.30 बजे अरुण के घर पहुंचे।
यहां प्रदीप घर के अंदर गया और नौकर को चाय बनवाकर लाने को कहकर उसके हाथ से अरुण के 4 माह के बच्चे को ले लिया। नौकर के अंदर जाते ही आरोपी बच्चे का अपहरण कर उसे कार में अपने गांव ले गया।
आरोपी ने घर पहुंचकर को अरुण से फोन पर 5 लाख रुपए व ट्रक की मांग की। रुपए व ट्रक नहीं मिलने पर बच्चे को जान से मारने की धमकी दी। हड़बड़ाए अरुण ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
पिता रुपए लेकर निकला और पुलिस ने कर ली घेराबंदी
बच्चे के अपहरण की जानकारी मिलने पर पुलिस अलर्ट हो गई। एसडीओपी अविनाश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में बसंतपुर थाना प्रभारी अनुरंजन लकड़ा, चौकी प्रभारी रजनीश सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने आरोपियों को पकडऩे की योजना बनाई।
चूंकि बच्चे की जान को खतरा था इसलिए ग्रामीणों के सहयोग से अरुण व परिजन को रुपए व ट्रक लेकर ग्राम मुरकौल भेजा गया। अरुण के निकलने के बाद पुलिस टीम ने पूरे गांव के साथ ही आरोपी प्रदीप के घर की भी पहले से ही घेराबंदी कर ली थी।
बच्चा वापस मिलते ही पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने बताया कि रात लगभग 8 बजे अरुण व जेपी यादव ने आरोपी प्रदीप को ५ लाख रुपए व ट्रक दे दिया। इसके बाद अन्य 4 आरोपियों ने रुपए की गिनती की। फिरौती की सारी शर्त पूर्ण होने के बाद प्रदीप ने अरुण को उसका बच्चा दे दिया।
अरुण व अन्य परिजन जैसे ही बच्चे को लेकर गांव से निकले पुलिस टीम ने दबिश देकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 5 पुलिस ने लाख रुपए, ट्रक व घटना में प्रयुक्त अल्टो कार को जब्त कर लिया। पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 364, 364 क, 365 व 386 के तहत कार्रवाई की गई है।