पटना सहित कोयलांचल में कई वर्षों से कोयले की तस्करी व चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। कोयला चोरी की जानकारी पुलिस व जिले के संबंधित आला अधिकारियों को होने के बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। दरअसल धान कटाई के साथ ही ईंट बनाने के लिये सैकड़ों अवैध ईंट भ_ों का संचालन शुरू हो जाता है जिसमें ईंट पकाने के लिए चोरी के कोयले का जमकर उपयोग होता है।
कटोरा साइडिंग से हो रही चोरी
कटकोना एवं झिलिमिली उपक्षेत्रीय कोयला खदानों से उत्पादित कोयले को कटोरा साइडिंग में डंपर व ट्रेलरों के माध्यम से लाकर रखा जाता है। फिर यहां से मालगाडिय़ों से अन्यत्र स्थानों पर भेजा जाता है। पहले साइडिंग में लाकर रखे जाने वाले कोयले की सुरक्षा के लिए प्राइवेट सुरक्षा गार्ड रखे जाते थे, लेकिन अब उन्हें निकाल दिया गया है। कोयले की सुरक्षा के लिए एसईसीएल के कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है जिनकी संख्या काफी कम है। यही वजह है कि कोयले की सुरक्षा नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि हर रोज सुबह करीब 100 से भी अधिक महिला-पुरूष साइडिंग में घुसकर बोरी में कोयला भरकर आसानी से ले जाते हैं।
पुलिस को शिकायत का इंतजार
हर साल ठंड के दिनों क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में अवैध रूप से ईंट भ_ों का संचालन किया जाता है और कोयला चोरी कर ईंट भट्ठों में कोयला खपाने वाले रात तो रात दिन में भी कोयला चोरी की घटना को अंजाम देते हैं। इन दिनों कोयला चोरी का खेल शुरू हो गया है।