जानकारी के अनुसार चरचा आरओ कालरी में कार्यरत एक महिला ने कालरी के वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक एके विश्वास पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया है और थाने में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। मामले में चरचा थाना ने धारा 354(क) व 509 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले में महिला ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया है।
शिकायत की तो मिला कारण बताओ नोटिस
महिला ने बताया कि मामले की शिकायत करने पर प्रबंधन द्वारा बिना जांच किए बिना ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था। महिला ने तत्काल नोटिस का जवाब भी दिया। करीब २ महीने बाद महिला ने दोबारा जांच कराने लिखित पत्र प्रस्तुत किया। किंतु कालरी प्रशासन ने आवेदन को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। घटना के महिला द्वारा ३ बार आवेदन प्रस्तुत कर जांच व कार्रवाई की गुहार लगाई जा चुकी है। घटना के 9 महीने गुजरने के बाद भी न्याय नहीं मिलने से परेशान महिला ने चरचा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषी अधिकारी के प्रति जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई।
फर्जी काम कराता था अधिकारी
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि कार्मिक प्रबंधक कई बार जबरन पिछली तारीख में पत्र डिस्पैच करवाते थे और मना करने पर धमकी भी देते थे। बताया जा रहा है कि कार्मिक प्रबंधक का कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा है। चर्चा थाने में बिहारी लाल रामेश्वर सहित अन्य लोगों ने कई बार उनके विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी।
मामला दबाने का आरोप
पीडि़त महिला ने बताया कि लगातार आवेदन देने व कई महीने बीत जाने के बाद कालरी प्रबंधन द्वारा दोषी अधिकारी के प्रति जान-बूझकर कोई कार्यवाही नहीं की गई और मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इसकी वजह सिर्फ यह है कि मामला एक अधिकारी से संबंधित है। यदि उसकी जगह किसी छोटे कर्मचारी का मामला होता तो तत्काल कार्यवाही कर दी जाती। जबकि लेबर लॉ के तहत महिला कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित प्रतिष्ठान की होती है।