इस बीच उसने मुक्के से भालू पर कई बार वार किया। इससे भालू उसे छोड़कर वहां से भाग गया। भालू के भागने के बाद उसकी आवाज सुनकर साथी वहां पहुंचे। उसे लहूलुहान हालत में गांव में लाया गया। फिलहाल उसका इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है।
गौरतलब है कि सरगुजा संभाग में हाथी और भालुओं का आतंक हैं। आए दिन जंगल में जाने वाले ग्रामीणों का सामना इनसे होता रहता है। कई मौकों पर हाथी जहां इनकी जान ले लेते हैं, वहीं भालुओं द्वारा भी ग्रामीणों को घायल करने की खबरें लगातार मिल रही हैं।
ऐसे ही एक मामले में उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम शंकरपुर निवासी 30 वर्षीय जयराम सिंह पिता सुखनंदन गुरुवार को गांव के ही अन्य लोगों के साथ जंगल में पत्ते तोडऩे गया था। वापस आने के दौरान नाला के पास झाड़ी से निकल कर एक भालू ने उस पर हमला कर दिया। इसे देख साथ गए लोग उसे बचाने की बजाए वहां से भाग खड़े हुए।
इसके बाद जयराम अकेला ही भालू से भिड़ गया। भालू के वार से वह बचने की कोशिश करता रहा। इस दौरान अपने पैरे नाखूनों से भालू ने उसे नोंच डाला। जान बचाने जयराम ने काफी देर तक संघर्ष किया और अंतत: वह खुद को बचाने में सफल रहा। उसने मुक्के से भालू पर कई बार प्रहार किया तो वह उसे छोड़कर भाग गया तो उसके साथी देखने पहुंचे। इस दौरान वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था।
परिजन ले गए अस्पताल
गांव के ही अन्य युवकों ने घटना की जानकारी उसके परिजन को दी। परिजन मौके पर पहुंचे और उसे इलाज के लिए उदयपुर अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिनों तक उसका इलाज चलने के बाद चिकित्सकों ने रविवार को उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां उसका इलाज चल रहा है।