scriptनौकरी लगाने के नाम पर 50 लाख की ठगी का भंडाफोड़, गिरोह में 3 सरकारी कर्मचारी भी शामिल, 3 गिरफ्तार, 3 फरार | Chhattisgarh Crime: 50 thousand swindle in the name of job, 3 arrested | Patrika News
अंबिकापुर

नौकरी लगाने के नाम पर 50 लाख की ठगी का भंडाफोड़, गिरोह में 3 सरकारी कर्मचारी भी शामिल, 3 गिरफ्तार, 3 फरार

Chhattisgarh crime: आरोपियों में जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 सहित तीन लोग हैं शासकीय कर्मचारी, तीन अन्य की तलाश जारी

अंबिकापुरOct 11, 2019 / 07:50 pm

rampravesh vishwakarma

नौकरी लगाने के नाम पर 50 लाख की ठगी का भंडाफोड़, गिरोह में 3 सरकारी कर्मचारी भी शामिल, 3 गिरफ्तार, 3 फरार

Swindle accused

अंबिकापुर. जिला पंचायत में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी (Swindle) का मामला सामने आया है। कोतवाली पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना सहित 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, शेष तीन फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों में एक जिला पंचायत का कर्मचारी भी है।
वहीं फरार तीन आरोपियों में एक 10वीं बटालियन का आरक्षक व एक वन विभाग का कर्मचारी है। गिरोह वर्ष 2016 से काम कर रहा है और अब तक 15 से ज्यादा लोगों को जिला पंचायत में चपरासी, स्टेनो व ड्राइवर की नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी का शिकार बना चुका है। कुल ठगी 50 लाख 60 हजार की बताई जा रही है।
अब पुलिस फरार आरोपियों की तलाश सरगर्मी से कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि ठगी के शिकार हुए लोगों की संख्या और बढ़ सकती है। एडिशनल एसपी ने पीडि़त बनकर आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार किया।

ठग गिरोह का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी ओम चंदेल ने करते हुए बताया कि जुलाई 2016 में मणिपुर निवासी दिनेश प्रजापति आईजी सरगुजा के पास शिकायत की थी कि सत्तीपारा निवासी ललिता भगत द्वारा जिला पंचायत में नौकरी लगाने के नाम पर मुझसे 4 लाख की ठगी की गई है।
शिकायत की जांच के बाद मणिपुर चौकी पुलिस ने आरोपी सुमित यादव, ललिता भगत व राजेश कुजूर के खिलाफ अपराध दर्ज किया। गुरुवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने घेराबंदी कर केदारपुर निवासी सुमित यादव पिता बसंत यादव को उसके घर से गिरफ्तार किया।
पुलिस हिरासत में सुमित ने बताया कि वह ललिता भगत व नमनाकला निवासी मुन्ना दास के साथ मिलकर लोगों को जिला पंचायत में चपरासी, स्टेनो और ड्राइवर की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था। इसके लिए आरोपी पीडि़तों से तीन से चार लाख रुपए लेते थे और आपस में बांट लेते थे।

मुन्ना दास बनाता था फर्जी नियुक्ति पत्र
एडीशनल एसपी ओम चंदेल ने बताया कि मुन्ना दास जिला पंचायत में सहायक गे्रड तीन पद पर पदस्थ है। मुन्ना दास ही नियुक्ति पत्र टाइप करता था और सील व साइन लगाकर सुमित यादव को देता था। आरोपियों ने अब तक १५ लोगों से जिला पंचायत में नौकरी लगवाने के नाम पर 50 लाख 60 हजार रुपए की ठगी की है।

गिरोह का सरगना है सुमित यादव
सुमित यादव गिरोह का सरगना निकला। वह वीआईपी लोगों को वाहन उपलब्ध कराने का काम करता है। इस दौरान वह लोगों को बोलता था कि मेरी पहचान जिला पंचायत के अधिकारी से है। वहां मैंने कई लोगों की नौकरी लगवाई है। इसी बात के झांसे में आकर लोग उसे नौकरी लगाने के बदले रुपए देते थे। नौकरी लगाने के नाम पर वह बेरोजगारों से साढ़े 3 से 4 लाख रुपए लेता था।

एक को चपरासी बनाकर कार्यालय में बैठा भी दिया
सुमित यादव ने एक पीडि़त से चपरासी की नौकरी लगवाने के लिए 4 लाख रुपए लिए थी और मुन्ना दास से फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार करवाकर उसे थमा दिया। इसके बाद उसे सफेद चपरासी की वर्दी दी और जिला पंचायत कार्यालय में जाकर उसे बैठने का स्थान भी दे दिया था। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ नर्मता गांधी नहीं थीं। इसका फायदा उठाते हुए पीडि़त ने कुछ दिन काम भी किया था।

10वीं बटालियन में आरक्षक है एक आरोपी
एडिशनल एसपी ने बताया कि इस गिरोह में ६ लोग सुमित यादव, मुन्ना दास, राजेश कुजूर, सौरभ चखियार, ललिता भगत व संजय साहू शामिल हैं। संजय साहू १०वीं बटालियन में आरक्षक है। इसके खिलाफ पूर्व में भी जयनगर थाने में ४२० का अपराध दर्ज है। जबकि राजेश कुजूर वन विभाग में कार्यरत है। ये दोनों पुलिस गिरफ्त से अभी बाहर हैं।

सौरभ के खाते में जमा होती थी रकम
गिरफ्तार सुमित यादव ने पुलिस को बताया कि लोगों को अपने जाल में फंसाने के बाद उनसे वसूली गई रकम सौरभ चखियार के खाते में जमा होती थी। आरोपी सौरभ के बैंक खाते का उपयोग करते थे। इस कारण पुलिस ने सौरभ चखियार को भी गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपियों को पकडऩे पीडि़त बनकर गए एएसपी
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि सुमित यादव अपने घर केदारपुर में है। इस पर एडिशनल एसपी योजनाबद्ध तरीके से सिविल ड्रेस में पीडि़त बनकर उसके घर गए। सुमित के पिता ने जब दरवाजा खोला तो एडिशनल एसपी ने कहा कि अंकल सुमित सर कहां हैं। मेरी नौकरी अब तक नहीं लगी है। इस बीच पुलिस टीम ने मौका पाकर घर के ऊपरी मंजिल के कमरे से आरोपी सुमित यादव को गिरफ्तार कर लिया।

ये लोग हुए हैं ठगी के शिकार
आरोपियों ने नीरज एक्का से 3.50 लाख, राजेश टोप्पो 3.50 लाख, निरंजन ४ लाख, रेशमी लकड़ा 3.50 लाख, संतोषी 3.50 लाख, रविन्दर कुमार 3.50 लाख, सुरेश चौरसिया 4.50 लाख, दिनेश प्रजापति 4 लाख, छोटेलाल 3.50 लाख, महादेव टोप्पो 3.50 लाख, निरीली खलखो 4.50 लाख, शीबू एक्का 3 लाख 30 हजार, लोलेनाथ राजवाड़ 2 लाख 30 हजार, अमित राम 2 लाख व सिकन्दर मिंज से नौकरी लगाने के नाम पर 3.50 लाख रुपए वसूले थे। पुलिस ने बताया कि अभी और प्रार्थी सामने आ सकते हैं।

तीन आरोपी गए जेल
पुलिस ने आरोपियों में अब तक सुमित यादव, मुन्ना दास व सौरभ चखियार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 420 व 34 के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं राजेश कुजूर, ललिता भगत व संजय साहू अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।

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