ग्रामीण को ढूंढने के लिए सोमवार को जिला मुख्यालय से 3 गोताखोरों की एक टीम भी पहुंची थी, लेकिन शाम तक ग्रामीण के बारे में कोई जानकारी नहीं लगी। मंगलवार को पुन: गोताखोरों की टीम द्वारा गड्ढेनुमा तालाब में ग्रामीण की खोज की जाएगी।
मैनपाट के कुदारीडीह में बाक्साइट उत्खनन के बाद गड्ढा छोड़ दिया गया है। इस गड्ढे में पानी भरने से उसने तालाब का रूप ले लिया है। रविवार की दोपहर ग्राम कुदारीडीह निवासी 65 वर्षीय सुरेन्द्र पिता गोपाल पैकरा रविवार की दोपहर तालाबनूमा गड्ढे के पास मवेशी चराने गया था।
शाम को सभी मवेशी तो वापस लौट गए, लेकिन सुरेन्द्र पैकरा घर नहीं पहुंचे। परिजन ने जब सोमवार की सुबह उसकी तलाश की तो गड्ढे के समीप उसके जूते व कपड़े दिखाई दिए। गड्ढे में डूबने की आशंका को लेकर परिजनों ने इसकी जानकारी कमलेश्वरपुर थाने में दी। पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर पहले ग्रामीणों की मदद से गड्ढे में ग्रामीणों को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे।
अंबिकापुर से पहुंचे गोताखोर
कमलेश्वरपुर टीआई द्वारा इस संबंध में जिला सेनानी कार्यालय में बात कर गोताखोरों की मांग की गई। ३ गोताखोरों की टीम ने ग्रामीण को खोजने के लिए दिनभर मशक्कत की, लेकिन शाम तक कहीं उसका पता नहीं चला। मंगलवार को पुन: गोताखोरों की टीम द्वारा ग्रामीण की तलाश की जाएगी।
डूबने की आशंका जता रहे परिजन
सुरेन्द्र पैकरा के परिजन ने इसकी शिकायत की है। रविवार को ग्रामीण मवेशी लेकर चराने गया था। मवेशी वापस घर लौट गए थे, लेकिन वह नहीं लौटा। उसका कपड़ा तालाब के पास मिला है, इसकी वजह से परिजन उसके डूबने की आशंका जता रहे हैं। जब तक वह रिक्वहर नहीं हो जाता कुछ भी अधिकारिक रूप से बोलना संभव नहीं है।
समीर मिंज, टीआई, कमलेश्वरपुर, मैनपाट