डीके सोनी अधिवक्ता ने सूचना के अधिकार के तहत कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग रामानुजगंज से आरआरसी ह्यूम पाइप, चेन्नज स्टोन, बाउंडी स्टोन सप्लाई के बारे में जानकारी निकाली गई। इसमें यह बात सामने आई कि बिना सामग्री खरीदी किए करोड़ों रुपए का भुगतान ईई उमाशंकर राम द्वारा सप्लायर को कर दिया गया है। यह भुगतार करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए का था।
इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत (Complaint) थाने में की थी। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं पर डीके सोनी अधिवक्ता द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज में अधिवक्ता रूपेश गुप्ता के माध्यम से धारा 156/3 के तहत आवेदन पेश किया।
इसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज ने बहस सुनने और दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद 28 अप्रैल को थाना रामानुजगंज को उमाशंकर राम और संबंधित लोगों के खिलाफ 7 दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने कहा था। जांच प्रतिवेदन से न्यायालय को अवगत कराने के भी निर्देश दिए थे।
420 के तहत दर्ज किया गया अपराध
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के निर्देश पर ईई उमाशंकर राम के खिलाफ रामानुजगंज थाने में 4 मई को धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया गया। इस मामले में देखने वाली बात यह होगी कि निलंबित ईई (Suspended EE) को पुलिस कब गिरफ्तार करती है। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता व अधिवक्ता डीके सोनी ने उमाशंकर राम को तत्काल गिरफ्तार करने की भी मांग की है।