scriptकलक्टर ने कहा था 7 दिन के भीतर शुरु कर लेना ये काम, 25 दिन बाद भी ठेकेदार ने नहीं मानी बात | Collector said that the work started within 7 days but didn't after 25 | Patrika News
अंबिकापुर

कलक्टर ने कहा था 7 दिन के भीतर शुरु कर लेना ये काम, 25 दिन बाद भी ठेकेदार ने नहीं मानी बात

जिले के अधिकारियों का आदेश भी रखा जा रहा ताक पर, 98 करोड़ के रिंग रोड निर्माण का मामला

अंबिकापुरApr 16, 2018 / 01:52 pm

rampravesh vishwakarma

Ring road

Ring road

अंबिकापुर. रिंग रोड निर्माण में लेट-लतीफी को लेकर सड़क विकास निगम के महाप्रबंधक ने कलक्टर के साथ सड़क का निरीक्षण किया था। इस दौरान कलक्टर ने ठेकेदार को प्रतापपुर चौक से गांधी चौक तक पैचवर्क का काम 7 दिन के भीतर शुरु करने को कहा था, ताकि लोगों को धूल से राहत मिल सके।
जबकि निरीक्षण हुए लगभग 20 दिन से अधिक का समय बीत चुका है। अब तक पैचवर्क शुरू भी नहीं किया है। इधर दुर्घटना को ध्यान में रखते हुए आजकल सड़क निर्माण के दौरान सुपरवेरेशन सिस्टम के तहत चौक-चौराहों का निर्माण नहीं किया जा रहा है।

रिंग रोड का निर्माण होते-होते कई लोग या तो बीमार हो जाएंगे या फिर हादसे का शिकार हो चुके होंगे। जिस तरीके से ठेका कम्पनी द्वारा काम किया जा रहा है। उससे कहीं से यह नहीं लगता है कि समय पर काम पूरा हो जाएगा। २१ मार्च को सड़क विकास निगम के जीएम व कलक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के बाद कलक्टर किरण कौशल ने ठेकेदार व सड़क विकास निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि जब तक काम चल रहा है। तब तक प्रतापपुर चौक से प्रतीक्षा बस स्टैण्ड तक के एक तरफ के सड़क का अच्छे से पैच रिपेयरिंग करें। उन्होंने पैच रिपेयरिंग का काम एक सप्ताह के भीतर शुरू करने को भी कहा था।
उन्होंने कहा कि जिस तरफ काम कराया जाना है, उसकी दूसरी तरफ के सड़क का पैच वर्क कर लोगों को राहत देने का प्रयास करें। लेकिन कलक्टर के निर्देशों का भी पालन न तो ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है और न ही इस तरफ सड़क विकास निगम के अधिकारियों द्वारा कोई रूची दिखाई जा रहा है।

मॉनीटरिंग करने कोई भी अधिकारी नहीं
सरकार ने दोनों सड़क के लिए बड़ी राशि तो आबंटित कर दी है। लेकिन इसकी मॉनिटिरिंग करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को दी गई है, वे महज खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। सरकार काम का निरीक्षण नहीं कर सकती है लेकिन उस तक सही जानकारी जिले में बैठे संबंधित विभाग के अधिकारियों की होती है। जिस तरीके से रिंग रोड व प्रतापपुर रोड का निर्माण किया जा रहा है, उससे कहीं से नहीं लगता है कि लोगों को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा पूरी हो सकेगी।

सड़क पर चलना भी हुआ दूभर
रिंग रोड पर आज चलना भी दूभर हो गया है। एकतरफ काम करने के लिए गड्ढे खोद दिए गए हंै। जबकि दूसरी तरफ का सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इसकी वजह से लोगों का रिंग रोड पर चलना दूभर हो गया है। जो सड़क है उसमें सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं। इस मार्ग से चलने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पडऩा शुरू हो गया है।

ज्यादा काम करने से किया था मना
सड़क विकास निगम के क्वालिटी कंट्रोलर पीएस क्षत्री ने काम की गुणवत्ता को देखने के बाद कहा था कि जब तक कांक्रीटीकरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक सेंसर मशीन उपलब्ध नहीं हो जाती है तब तक आगे का काम न कराया जाए। इसके बावजूद रिंग रोड का काम कर रही ठेका कम्पनी द्वारा साधारण मशीन से काम कराया जा रहा है।

प्रतापपुर रोड की भी स्थिति खस्ताहाल
प्रतापपुर रोड का भी निर्माण सड़क विकास निगम के माध्यम से कराया जा रहा है। जिस तरीके से प्रतापपुर रोड का काम किया जा रहा है। वह काफी स्तरहीन है। न तो इस रोड पर ठेकेदार द्वारा जीएसबी किया गया है और न ही डब्ल्यूएमएम का काम किया गया है। सिर्फ पुराने सड़क का डामर उखाड़कर छोड़ दिया गया है।
जबकि इस सड़क का निर्माण भी एक वर्ष के अंदर पूर्ण किया जाना था लेकिन अभी तो ठेकेदार द्वारा सिर्फ डामर उखाडऩे का काम किया गया है। अनुबंध का समय भी समाप्त होने वाला है।
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