इस दौरान शिक्षक कई ग्रामीणों व विद्यार्थियों के संपर्क में भी रहा। इससे कोरोना का खतरा बढ़ गया है। इधर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने डीईओ को ज्ञापन सौंपकर इस मामले से अवगत कराया है। उन्होंने शिक्षकों के हित में फैसला लेने की मांग की है।
गौरतलब है कि कोरोना (Covid-19) महामारी के इस दौर में स्कूलें पूरी तरह से बंद हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन द्वारा पढ़ई तुहर दुआर योजना के तहत ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। इसका बहुत ज्यादा रिस्पांस मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।
पढ़ाई तो चल रही है लेकिन शिक्षकों व विद्यार्थियों के बीच सीधा संवाद नहीं होने से बच्चे विषय को उतना नहीं समझ पा रहे हैं जितना उन्हें समझना चाहिए। इधर शासन द्वारा 1 सितंबर से कुछ नियम बनाकर स्कूल-कॉलेजों को खोलने पर विचार कर रही है। इस बीच शासन द्वारा मोहल्ला क्लास की शुरुआत की गई है।
इसके तहत शिक्षक गांव में जाकर बच्चों को खुले आसमान या पेड़ के नीचे सोशल डिस्टेंस के साथ पढ़ाई करा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शिक्षक इस तरह की पढ़ाई कराना नहीं चाह रहे हैं लेकिन प्रशासनिक निर्देश के आगे वे नतमस्तक हैं।
शिक्षक निकला कोरोना पॉजिटिव
मोहल्ला क्लास का संचालन अब लगभग हर गांव में हो रहा है। इसी बीच बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत एक सहायक शिक्षक की कोरोना रिपोर्ट कल ही पॉजिटिव (Covid-19) आई है। इसकी सूचना छग टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन सिंह ने बलरामपुर डीईओ को दी है।
इसमें यह भी बताया गया है कि उक्त शिक्षक द्वारा बच्चों को गणवेश व किताबों का वितरण किया गया है। इस दौरान वह कई ग्रामीणों के संपर्क में भी आया है। ऐसे में और भी कई शिक्षकों, पालकों व छात्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।