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अंबिकापुर

Video : रायपुर से डीएफओ ने खराब कर दी सेटिंग, बड़े मामले को रफा-दफा करने की थी तैयारी

तस्करी की खबर पर छापा मारा तो 5 लाख से अधिक की लकड़ी मिली, ट्रक भी जब्त, साल की 167 नग अवैध सिल्ली बरामद

अंबिकापुरJan 15, 2018 / 08:12 pm

rampravesh vishwakarma

Forest deparment with seized woods

Forest deparment with seized woods

अंबिकापुर. आरा मिल संचालक द्वारा भगवानपुर स्थित अपने प्लॉट में भारी संख्या में छिपाकर रखी गई लकड़ी के चिरान व ट्रक को जब्त किया है। पूरी कार्रवाई मुखबिर से सूचना मिलने के बाद डीएफओ के निर्देश पर की गई। विभाग के कुछ कर्मचारी मामले को रफा-दफा करने की तैयारी में थे लेकिन फिलहाल रायपुर में ऑफिसियल काम से गईं डीएफओ ने ऐसा नहीं होने दिया।
उन्हें सूचना मिली तो उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दिए। वन अधिकारियों के अनुसार जब्त चिरान लकड़ी की कीमत 5 लाख रुपए से अधिक है। विभाग द्वारा लकड़ी तो बरामद कर ली गई, लेकिन अभी तक जिस मिल संचालक के प्लॉट से लकड़ी बरामद की गई, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे विभाग के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Seized woods
वन विभाग को सोमवार को मुखबिर से सूचना मिली की बनारस रोड में भगवानपुर के होटल बंधन-इन के सामने वाली गली में स्थित एक खाली प्लॉट में अवैध रूप से रखी गई चिरान लकड़ी को ट्रक में लोड किया जा रहा है। इसकी जानकारी होने के बावजूद वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लकड़ी तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई।
शाम को डीएफओ प्रियंका पाण्डेय को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल अंबिकापुर वन परिक्षेत्राधिकारी को टीम लेकर रवाना किया गया। वन विभाग के अधिकारियों की टीम डीएफओ के निर्देश के बाद भगवानपुर पहुंची। वहां पर वन विभाग के अधिकारियों ने एक खाली प्लॉट में एक ट्रक में लकड़ी लोड होता देखा।
इसके बाद उन्होंने ट्रक क्रमांक सीजी 15 एसी -3529 सहित उसमे लोड हो रहे चिरान लकड़ी को जब्त कर लिया तथा विभाग के काष्ठागार में भेजा।

इसके बाद एक कमरे में छिपाकर रखे गए चिरान लकड़ी व बने हुए चौखट को बरामद कर ट्रक में लोड करवाकर भेजा गया। इस पूरी कार्रवाई में शाम के 5 बज गए। कार्रवाई मे रेंजर वाई दोहरे, सत्तीश बहादुर सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।

167 नग चिरान किया गया जब्त
वन विभाग ने इसके पूर्व डीएफओ एस. जगदीशन के निर्देशन में बनारस रोड स्थित आरा लकड़ी मिल में बड़ी कार्रवाई करते हुए मिल को ही सील कर दिया था। उसके बाद वन विभाग की शहर के अंदर में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
वन विभाग द्वारा हाथ आरा मशीन से साल के तैयार किए गए 75 नग चिरान, जो ट्रक में लोड हो चुके थे उसे बरामद किया। इसके साथ ही प्लॉट में एक कमरे में छिपाकर रखे गए 92 नग साल के चिरान भी बरामद किए। वहीं 32 नग तैयार चौखट को भी जब्त किया गया। वन विभाग द्वारा कुल साल चिरान की 167 नग सिल्ली भी जब्त की गई।

संचालक का नाम आया सामने, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
वन विभाग द्वारा जब कार्रवाई की जा रही थी, तब प्लॉट के दस्तावेजों का जांच की गई तो पता चला कि प्लॉट बनारस रोड स्थित लकड़ी मिल संचालक सुशील अग्रवाल के पुत्र सौरभ अग्रवाल के नाम पर है। लकड़ी भी उनके द्वारा ही छिपाकर रखी गई थी।
इसकी जानकारी होने तथा मिल संचालक के मौके पर मौजूद होने के बाद भी वन विभाग द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से पूरी कार्रवाई संदेह के घेरे में है।

कहां से पहुंचा चिरान, नहीं मिली जानकारी
वन विभाग के अधिकारियों ने तो प्लॉट में अवैध रूप से रखी लकड़ी के पटरे को तो बरामद कर लिया, लेकिन यह लकड़ी कहां से लाई गई थी, इस संबंध में कोई पूछताछ नहीं की गर्ई। सूत्रों की माने तो पूरे मामले को रफा-दफा करने की तैयारी थी। लेकिन डीएफओ जो रायपुर में थीं, उन्हें मुखबिर से सूचना मिल गई, इसकी वजह से यह पूरी कार्रवाई वन विभाग के अधिकारियों को करनी पड़ी।

ट्रक किया जाएगा राजसात
इस संबंध में जानकारी मिली है। कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लकड़ी को बरामद करने के साथ ही ट्रक को राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी।
प्रियंका पाण्डेय, डीएफओ, सरगुजा वन वृत्त

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