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अंबिकापुर

सरगुजा में यूरिया खाद न मिलने से मचा हाहाकार, संघर्ष ऐसा कि बहनें-बेटियां भी लग रहीं लाइन में, लौटना पड़ रहा मायूस

Fertilizers: अब फसल बचाने संघर्ष करते नजर आ रहे सैकड़ों किसान, खाद की गंभीर समस्या का नहीं हो पा रहा समाधान, भाजपा किसान मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी

अंबिकापुरAug 22, 2020 / 03:54 pm

rampravesh vishwakarma

सरगुजा में यूरिया खाद न मिलने से मचा हाहाकार, संघर्ष ऐसा कि बहनें-बेटियां भी लग रहीं लाइन में, लौटना पड़ रहा मायूस

Women in line for fertilizers

अंबिकापुर. जुलाई-अगस्त का महीना शुरू होते ही जिले में खाद की किल्लत शुरू हो जाती है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। समय पर खाद उपलब्ध नहीं होने से फसल को नुकसान होता है। क्षेत्र के किसान खाद के लिए हर रोज मशक्कत कर रहे हैं पर उन्हें खाद (Fertilizers) नहीं मिल रहा है।
बेटियां-बहनें व अन्य महिलाएं भी खाद दुकान में लाइन में लग रही हैं। वहीं किसान खुद हर दिन सुबह-सुबह खाद मिलने की उम्मीद लिए शासकीय सहकारी समितियों एवं अधिकृत खाद दुकानों पर पहुंच रहे हैं पर उन्हें खाद उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया जा रहा है।
किसानों को मानना है कि दो चार दिन के अंदर खाद नहीं मिलता है तो इसके बाद कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसके बाद फसल बर्बाद हो जाएगी। वहीं खाद्य मंत्री व जिला प्रशासन का दावा किया जा रहा है कि जिले में खाद उपलब्ध है। अगर खाद सोसायटी व अधिकृत विक्रेताओं की दुकान में उपलब्ध होता तो किसान सारा काम छोडक़र लंबी कतार में नहीं लगते। (Shortage of fertilizers)

गौरतलब है कि जिले में 27 शासकीय सहकारी समिति संचालित हैं। वहीं कई अधिकृत दुकानों द्वारा भी खाद का वितरण किया जाता है। अगस्त महीने में खाद का उपयोग बढ़ जाता है। किसानों की फसल के लिए यह महीना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
अगर इस महीने में किसान अपने खेतों में लगी फसल में खाद का उपयोग नहीं कर पाते हैं तो फसल बर्बाद हो जाएगी और किसानों की कमर टूट जाएगी। किसानों के बीच निवाले के लाले पड़ जाएंगे। इधर सहकारी समिति द्वारा वैसे किसानों को खाद दिया जा रहा है जो केसीसी द्वारा रजिस्टर्ड हैं।
जिले में लगभग 30 हजार किसान रजिस्टर्ड किसान हैं। इन्हें खाद उपलब्ध कराया गया है। जबकि हजारों किसान हर रोज खाद के लिए मशक्कत कर रहे हैं।

सरगुजा में यूरिया खाद न मिलने से मचा हाहाकार, संघर्ष ऐसा कि बहनें-बेटियां भी लग रहीं लाइन में, लौटना पड़ रहा मायूस
किसानों को न तो सोसायटी में खाद मिल रहा है और न ही अधिकृत दुकानों में मिल पा रहा है। किसान हर रोज खाद के लिए सोसायटी व अधिकृत दुकानों में पहुंच रहे हैं पर किसानों को खाद न होने का हवाला देकर वापस लौटा दिया जा रहा है।

10 हजार मीट्रिक टन का दिया गया है लक्ष्य
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार 1 अपै्रल 2020 शासन द्वारा 10 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद का लक्ष्य दिया गया है।
जबकि 8 हजार 4 सौ 81 मीट्रिक टन (Fertilizers) का भंडारण किया जा चुका है और 8 हजार 2 सौ 57 मीट्रिक टन खाद का विक्रय किया जा चुका है। शेष 224 मीट्रिक टन उपलब्ध है। वहीं डीएपी 3500 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है।

निराश होकर लौट रहे किसान
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल द्वारा शुक्रवार की सुबह किसानों द्वारा खाद की किल्लत की मिलने की सूचना पर विभिन्न शासकीय सहकारी समितियों एवं अधिकृत खाद विक्रेता की दुकानों का भ्रमण किया गया। इस दौरान खाद उपलब्ध नहीं का बोर्ड लगा पाया गया।
खरसिया नाका स्थित विजय ट्रेडिंग में 175 बोरा यूरिया उपलब्ध था जबकि लगभग 700 से 800 की संख्या में किसान यूरिया लेने के लिए लाइन लगाकर सुबह से खड़े थे , जिससे लगभग 600 किसानों को निराश होकर वापस जाना पड़ेगा। यह स्थिति पूरे सरगुजा संभाग की है।
किसान यूरिया की किल्लत एवं कालाबाजारी के कारण बलरामपुर, सूरजपुर से अंबिकापुर यूरिया खरीदने आ रहे हैं। सरगुजा संभाग की लगभग सभी शासकीय सहकारी समिति में खाद उपलब्ध नहीं है।


खाद्य मंत्री के गृह जिले में यह स्थिति पीड़ादायक
खाद की किल्लत को लेकर भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि जब-जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तब तब यही स्थिति निर्मित होती है। सैकड़ों की संख्या में किसान यूरिया खरीदने सुबह अंबिकापुर आते हैं और शाम होते-होते खाली हाथ निराश होकर वापस अपने घर चले जाते हैं।
किसानों के धान की रोपाई हो चुकी है अच्छी वर्षा के कारण किसानों को इस वर्ष अच्छी फसल की उम्मीद है परंतु समय पर उन्हें यूरिया उपलब्ध नहीं होने से फसल नष्ट हो जाएगी। यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी के कारण किसान परेशान हंै। सरगुजा खाद्य मंत्री का गृह जिला है और उनके गृह जिले के यह स्थिति अति पीड़ादायक है।

भाजपा किसान मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी
किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने इफको के रीजनल मैनेजर से फोन पर चर्चा की तो उनके द्वारा संतोषजनक जवाब न देते हुए बताया गया कि 8 से 10 दिन तक यूरिया आने की कोई संभावना नहीं है।
अंबिकापुर एसडीएम अजय त्रिपाठी ने बताया कि शासकीय सहकारी समिति में खाद उपलब्ध है। परंतु भ्रमण उपरांत वहां भी यूरिया खाद उपलब्ध नहीं पाया गया। इस पर प्रदेश महामंत्री भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि किसानों को जल्द से जल्द खाद उपलब्ध कराया जाए नहीं तो किसान मोर्चा आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
इस दौरान जिला महामंत्री आकाश गुप्ता, मंडल अध्यक्ष अंशुल श्रीवास्तव, सूरज मंडल, शरद सिन्हा, अन्य कार्यकर्ता व किसान उपस्थित थे।

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