देश के स्वच्छ शहरों में शुमार अंबिकापुर प्लास्टिक कचरे से मुक्त है। अंबिकापुर छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला निगम है जहां प्लास्टिक का उचित निपटान भी हो रहा है और इससे कमाई भी। यहां प्रदेश की इकलौती प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे दाना व गट्टे बनाकर उद्योगों को अच्छे दर पर विक्रय किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 2 लाख से लेकर 10 लाख की आबादी वाले शहरों में अंबिकापुर सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल कर चुका है। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य व कई नवाचार करने के लिए अंबिकापुर को राष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड मिल चुके हैं।
यहां का डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व वेस्ट मैनेजमेंट एक मॉडल बन चुका है, जिसे प्रदेश के साथ ही देश के कई शहरों ने लागू किया है। IMAGE CREDIT: Cleanest city in India इन उपलब्धियों के बीच अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Nagar Nigam) प्लास्टिक कचरे के निपटान को लेकर सुर्खियों में है। स्वच्छता दीदियों ने शहर को न सिर्फ प्लास्टिक कचरे से मुक्त किया है बल्कि प्रोसेसिंग के बाद बिक्री से प्रतिमाह सवा 2 लाख रुपए की आय भी हो रही है।
प्लास्टिक की पन्नी जहां कबाड़ के रूप में महज 2 से 3 रुपए प्रति किलो बिकती थी, अब 12 रुपए किलो बिक रही हैं। बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट के कारण शहर को प्लास्टिक कचरे से मुक्ति मिल गई है। प्लास्टिक कचरा आय का जरिया बन गया है।
कचरे में मिले प्लास्टिक से दाने व गट्टे हो रहे तैयार
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 800 से 1000 किलो के आसपास प्लास्टिक संग्रहित होती है। इसे प्रोसेस कर रिसाइकलिंग उद्योग हेतु कश्चे माल के रूप में तैयार किया जाता है। इस हेतु शहर के सेनेटरी पार्क स्थित एसएलआरएम सेंटर में प्लास्टिक से दाना एवं गट्टा बनाने की यूनिट स्थापित की गई है।
सड़कों की मरम्मत-निर्माण में भी उपयोग
अंबिकापुर निगम निगम द्वारा शहरी क्षेत्र में किए जाने वाले सड़क निर्माण में भी प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। आईआरसी 35 मापदंड अनुसार डामर रोड निर्माण में थर्मो प्लास्टिक कंपाउंड के उपयोग हेतु निविदा में शर्त रखकर निर्माण कराया गया है। शहरी क्षेत्र में लगभग 12 सड़कों की मरम्मत व निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग किया गया है।
वहीं प्लास्टिक के विकल्प के रूप में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा पंजीकृत समूहों को सिलाई मशीन उपलब्ध कराई गई थी। इस समूह की दीदियों द्वारा इस वर्ष में कपड़े का झोला बनाकर बाजार हाट में विक्रय किया गया, जिससे 48 हजार 500 रुपए की आय हुई है।
शहर प्लास्टिक कचरे से मुक्त, अच्छी आमदनी भी
वेस्ट मैनेजमेंट की कड़ी में हमने कचरे में निकलने वाले प्लास्टिक की प्रोसेसिंग के लिए यूनिट की स्थापना की है। इससे प्लास्टिक का उचित निपटान हो रहा है और स्वच्छता दीदियों को अच्छी आमदनी भी। शहर प्लास्टिक कचरे से मुक्त हुआ है।
डॉ. अजय तिर्की, महापौर, अम्बिकापुर