उन्होंने मनरेगा के तहत डबरी निर्माण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए क्रेडा से रियायती दर पर सोलर पम्प प्राथमिकता से स्वीकृत करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलक्टर ने अम्बिकापुर जनपद (Ambikapur block) के ग्राम पंचायत कुम्हरता के रोजगार सहायक द्वारा रोजगार सृजन में रुचि नहीं लेने पर कारण बताओ सूचना जारी करने तथा संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर बर्खास्त (Dismissed) करने के निर्देश दिए।
मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में रोजगार सृजन की समीक्षा करते हुए कलक्टर ने कहा कि जो रोजगार सहायक रोजगार सृजन के लिए मांग नहीं करते तथा निष्क्रिय रहते हैं, उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही करें। जहां रोजगार सहायक नहीं है वहां पंचायत सचिव से काम लें।
ग्रामो में अधिक से अधिक डबरी निर्माण करायें। इसके लिए परिवार की संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत के पास डबरी हो। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जांच करें कि सभी गांव में काम स्वीकृत हुआ है कि नहीं, रोजगार सहायक काम का मांग कर रहा है तथा मस्टर रोल (Muster roll) जनरेट हो रहा है कि नहीं।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन मस्टर रोल की जांच करें। सभी जनपद सीईओ और पीओ गांव में परिवार की संख्या के आधार पर कार्य सृजन के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि दो वित्तीय वर्ष में जिन नामों पर लेबर जनरेट नहीं हुआ है ऐसे नामों को सूची से विलोपित करें।
बैठक में जिला पंचायत के सीईओ विनय कुमार लंगेह, डीएफओ पंकज कमल, सहायक कलक्टर विश्वदीप, अपर कलक्टर एएल धु्रव एवं संतन देवी जांगड़े सहित अन्य जिला अधिकारी उपस्थित थे।
तेजी से करें धान का उठाव
कलक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि किसी भी उपार्जन केंद्र में बारदाने की समस्या नहीं होनी चाहिए। प्रतिदिन की धान खरीदी की सीमा के अनुसार समितियों में बारदाने की आवश्यकता के अनुसार पहले ही बारदाने की व्यवस्था हो जाना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी उपार्जन केन्द्र में बारदाने की कमी होती है तो उसकी जवाबदेही खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी तथा जिला सहकारिता अधिकारी की होगी। उन्होंने कहा कि उपार्जन केंद्र से धान (Paddy) का उठाव तेजी से करें कहीं भी धान जाम की स्थिति में नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसानों द्वारा धान बेचने लाये बारदाने गुणवत्तापूर्ण है तो किसानों के बोरी में भी धान खरीदी कर सकते हैं।
वन अधिकार हितग्राहियों को भी दें रोजगार
कलक्टर ने कहा कि वन अधिकार मान्यता प्राप्त हितग्राहियों को भो मनरेगा के तहत 150 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके लिए ग्रामवार वन अधिकार प्राप्त लोगों की सूची तैयार करें।
जांच करें कि प्रतिदिन के मस्टर रोल में वन अधिकार के हितग्राही कितने हैं। जिन गांव में कम लोगो को रोजगार मिल रहा है वहां रोजगार बढ़ाएं। उन्होंने नरवा योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्व में चिन्हांकित प्रत्येक जनपद के 10-10 नालों में से 2-2 को मॉडल नरवा के रूप में विकसित करें। इनके संरचना आदर्श हो।