गौरतलब है कि शासन के निर्देश पर लाखों रुपए खर्च कर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बिस्तर का कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है। यहां अब तक 400 से ज्यादा मरीज कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हो चुके हैं। इसके बावजूद कोविड-19 अस्पताल खस्ताहाल है।
समय पर नहीं मिल रहा नाश्ता-भोजन
कोविड अस्पताल में कई मरीज शुगर, बीपी से भी पीडि़त हैं। इन्हें समय पर न तो नाश्ता-और न ही खाना मिल रहा है। वहीं मरीजों का आरोप है कि अस्पताल द्वारा दिए जाने वाले भोजन से एक बच्चे का भी पेट नहीं भर सकता है। यानी मरीजों को पेट भर खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। खाने के नाम पर भ्रष्टाचार (Corruption in the name of diet) चरम पर है।
अस्पताल की विद्युत व्यवस्था खस्ताहाल
कोविड-19 अस्पताल की विद्युत व्यवस्था भी खस्ताहाल है। बेहतर विद्युत व्यवस्था न होने के कारण तरंगित तार खुले में दीवार पर उलझे पड़े हैं, जो खतरे का संकेत है। बारिश के मौसम में ऐसे भी बिजली का खतरा बढ़ जाता है। वहीं शॉट सर्किट से आग लगने की आशंका बनी रहती है। इससे पूर्व भी उलझे हुए विद्युत तार के कारण शॉट-सर्किट से अस्पताल में आग लगने जैसी घटनाएं हो चुकीं हंै फिर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोविड-19 अस्पताल को काफी स्वच्छ व संक्रमण मुक्त रखना है, ताकि कोरोना संक्रमित मरीज के आने के बाद यहां बेहतर व्यवस्था से वह संक्रमण मुक्त हो सके। लेकिन यहां आने के बाद मरीज और संक्रमित हो सकते हैं। यहां की साफ सफाई की स्थिति काफी खराब है। बेड पर गंदे चादर पड़े हुए हैं।
कराई जा रही है जांच
कोविड-19अस्पताल के मरीजों को गुरुवार की रात को भोजन दिया गया था। कुछ मरीजों के पैकेट में जिन्दा कीड़ा मिलने की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जा रही है। हालांकि पैकेट में कीड़ा कैसे घुसा, इसका भी पता लगाया जा रहा है। खाना बनने व गर्म भोजन में कीड़ा पडऩे पर मर जाएगा। कुछ मरीज भी बाद में खाना खाने की चाहत में भोजन को रख देते हैं। हो सकता है इस दौरान भी कीड़ा भोजन के पैकेट में आ गया होगा। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।