सतर्कता बरतने के निर्देश जारी
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन ने टिड्डी के संबंध में सतर्कता बरतने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर आस-पास टिड्डी दल दिखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो निकटतम टिड्डी कार्यालय, पुलिस थाना, राजस्व कार्यालय, ग्राम पंचायत, विद्यालय, डाक घर या कोई भी शासकीय कार्यालय को सूचित करें।
टिड्डी दल शाम को 6 से 7 बजे के आसपास जमीन पर बैठ जाता है और फिर सुबह 8 से 9 बजे के करीब उड़ान भरता है। अत: इसी अवधि में इनके ऊपर शक्ति (ट्रैक्टर) चालित स्प्रेयर की मदद से कीटनाशक दवाइयों का छिडक़ाव करके इनको मारा जा सकता है। रसायन के छिडक़ाव का सबसे अच्छा समय रात्रि 11 से सुबह 8 बजे तक होता होता है।
टिड्डी दल से बचाव के लिए ये सावधानी
1. टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आसपास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करना चाहिए। आग जलाना चाहिए जिससे टिड्डी दल आपके खेत में ना बैठकर आगे निकल जाएगा।
2. टिड्डी दल दिखाई देते ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से आवाज कर उनकों अपने खेत पर बैठने न दें। अपने खेतों मे पटाखे फोडक़र, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें, टैक्टर के साइलेसंर को निकाल कर भी तेज ध्वनि कर सकते हैं।
3. कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उनके अंडों को नष्ट किया जा सकता है। प्रकाश प्रपंच लगाकर एकत्रित करके नष्ट कर सकते हैं।
बिहारपुर-चांदनी क्षेत्र पर विशेष नजर
टिड्डी दल के हमले के मद्देनजर सूरजपुर जिले में कृषि विभाग सर्तक हो गया है। विभाग की नजर खास तौर पर मध्यप्रदेश की सीमा से लगे ओडग़ी ब्लाक के दूरस्थ अंचल बिहारपुर चांदनी क्षेत्र पर है। जहां मैदानी कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा गया है। ज्ञ मध्यप्रदेश के सतना, रींवा व सीधी जिलो में इन टिड्डियों की दस्तक की खबरों के बीच यहां कृषि विभाग सीधी जिला के बार्डर से लगे गांवो में सर्तकता बढ़ा दी है।
वैसे भी इस वर्ष चांदनी समेत समूचे जिले के किसान मौसम की बेरूखी की मार झेल रहें है। ऐसे में टिड्डी दल का हमला उन पर दोहरी मुसीबत जैसा साबित हो सकता है। ऐसे में किसानो को बचाने के लिए कृषि विभाग सतर्क तो है पर देखना दिलचस्प यह होगा कि अगर टिड्डी दल यहां दस्तक देता है तो इन्हे रोकने में भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा कृषि विभाग कितना सफल हो पाता है। अबतक जिले की स्थिति पर गौर करें तो कृषि विभाग किसानों के उत्थान में हवा हवाई ही दावे करते नजर आया है। जिसे लेकर किसानो में यहां रोष की स्थिति बनी रहती है।