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अंबिकापुर

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात ने तोड़ा दम, डॉक्टर बोले- यहां नवजातों के बेहतर इलाज की नहीं है सुविधा

Newborn died: नाजुक हालत में लाए गए बच्चे को करना पड़ा रेफर, एंबुलेंस के आने से पहले बच्चे ने तोड़ा दम, माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल

अंबिकापुरAug 08, 2020 / 02:43 pm

rampravesh vishwakarma

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात ने तोड़ा दम, डॉक्टर बोले- यहां नवजातों के बेहतर इलाज की नहीं है सुविधा

Newborn father crying

अंबिकापुर. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नवजात बच्चों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण एक नवजात शिशु की मौत (Newborn died) हो गई। हालांकि चिकित्सकों ने शिशु को बचाने के लिए पूरी कोशिश की पर व्यवस्था के अभाव में सब विवश दिखे। एक डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि नवजात बच्चों के इलाज के लिए यहां बेहतर सुविधा नहीं है।
इधर पिता ने अपने नवजात शिशु को बचाने के लिए अपना सब कुछ लगा दिया। वह 30 हजार रुपए देकर बिलासपुर से एंबुलेंस मांगा रहा था पर एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे को नाजुक हालत में सूरजपुर जिला अस्पताल से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया था। वही बच्चे की मृत्यु के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक नवजात शिशु की मृत्यु (Newborn died) का मामला सामने आया है। मामला मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड का है। सूरजपुर निवासी राजेंद्र प्रताप साहू की पत्नी ने सूरजपुर स्थित जिला अस्पताल में मंगलवार को एक ही साथ दो बच्चो को जन्म दिया था।
जन्म के बाद एक बच्चे की हालत तो काफी अच्छी है, लेकिन दूसरा गंभीर था। बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने बच्चे को अंबिकापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद बच्चे के पिता ने 108 पर फोन कर एम्बुलेंस मंगाया। लेकिन एम्बुलेंस भी काफी लेट लतीफ पहुंची।
एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहंी थी। बावजूद इसके किसी तरह बच्चे को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया था।

रायपुर किया गया था रेफर
चिकित्सकों ने जांच के बाद बच्चे (Newborn) की नाजुक हालत को देखते हुए वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया था। लेकिन फिर भी बच्चे की हालत में सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने माता पिता को बच्चे के सही इलाज के लिए रायपुर ले जाने की सलाह भी दी, लेकिन परिजन अपने बच्चे को बिलासपुर ले जाना चाहते थे।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के पास नवजात बच्चों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण तत्काल उसे नहीं भेजा जा सका।


पिता ने की हरसंभव कोशिश
मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन के पास नवजात बच्चों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण तत्काल उसे नहीं भेजा जा सका। इधर पिता ने बच्चे की जान बचाने के लिए 30 हजार रुपए भुगतान कर बिलासपुर से एम्बुलेंस भी मंगाया था। लेकिन एम्बुलेंस अंबिकापुर पहुंच पाता इससे पहले नवजात की मौत गुरूवार की दोपहर 12 बजे हो गई।

चिकित्सक का यह है कहना
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक डॉ. हेमंत कुमार का कहना है कि बच्चे को नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया था। साथ ही परिजनों को भी बच्चे की बिगड़ती हुई हालत की जानकारी दी गई थी।
नवजात बच्चे की नाजुक हालत में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास बेहतर उपचार व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। यदि समय रहते बच्चे को इलाज के लिए रायपुर ले जाया जाता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।

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