scriptसीएम ने कहा था- छत्तीसगढ़ के शिमला को करो हरा-भरा, इधर ऑफिसरों ने अपनी जेबें कर लीं लाल | No plant in Chhattisgarh's Shimla | Patrika News
अंबिकापुर

सीएम ने कहा था- छत्तीसगढ़ के शिमला को करो हरा-भरा, इधर ऑफिसरों ने अपनी जेबें कर लीं लाल

मैनपाट में हरियाली प्रसार योजना का निकल गया दम, लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए पौधे नहीं आ रहे नजर

अंबिकापुरApr 24, 2018 / 06:12 pm

rampravesh vishwakarma

Mainpat

Mainpat

अंबिकापुर. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के कृषकों की आय में वृद्धि, राज्य में वनों के जैविक दबाव को खत्म करने और कृषि वानिकी को बढ़ावा देकर लकड़ी के उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य से हरियाली प्रसार योजना वर्ष 2005 से प्रारंभ की गई है। इस योजना को प्रारंभ करने के पहले यह भी सोच थी कि लोगों को जरूरी उपयोगी लकड़ी, जलाऊ और पेपर हेतु आवश्यक कच्चे माल की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
लेकिन इस योजना का लाभ वन विभाग के कुछ अधिकारी खुद ही ले रहे हैं। ऐसा ही मामला मैनपाट वनपरिक्षेत्र में सामने आया है। जहां वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा 35 कृषकों के बैंक खाते में बिना उनके जानकारी के ही रुपए डाल दिए गए। लेकिन जिन कृषकों के नाम सूची में है।
इसमें शामिल कृषकों के नाम के आगे दर्शाए गए बैंक खातों की जानकारी खुद उन्हें भी नहीं है। इधर सीएम ने कुछ वर्ष पूर्व मैनपाट की उजड़ती हरियाली को बचाने पौधरोपण कराया था लेकिन अब वे पौधे भी नजर नहीं आते।

वन विभाग द्वारा कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए हरियाली प्रसार योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के तहत विभाग द्वारा कृषकों को पौधरोपण के लिए रुपए नहीं देकर उन्हें पौधा लगाने व उसके रख-रखाव को बढ़ावा देना था। लेकिन इस योजना का किस तरह विभाग के अधिकारियों द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है।
यह वहां हरियाली प्रसार योजना के तहत लगाए गए पौधों को देखने के बाद होता है। मैनपाट में बाक्साइट उत्खनन के बाद उजाड़ हो चुकी हरियाली को फिर से हरा-भरा करने के लिए पौधरोपण करने का आदेश मुख्यमंत्री ने दिया था। ताकि वहां की हरियाली बरकरार रहे। इसके बावूद पौधरोपण के बाद कृषकों व वन अधिकारियों द्वारा पौधों की सुध नहीं ली गई।

इस योजना के तहत शासन द्वारा हरियाली प्रसार योजना के तहत पौधरोपण के बाद उसके रख-रखाव हेतु कृषकों को बैंक खाते के माध्यम से रुपए का भुगतान किया जाना था। मैनपाट वन परिक्षेत्राधिकारी के कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में कृषकों के खाते में रकम जमा कराई गई है।
लेकिन इस संबंध में कोई भी जानकारी संबंधित खातेधारक को विभाग के अधिकारियों द्वारा नहीं दी गई है। इसमें से अधिकांश कृषक अपना खाते होने से भी इंकार कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार वन विभाग द्वारा हरियाली प्रसार योजना के तहत पौधों के रख-रखाव हेतु पहले रुपए का भुगतान किया गया। इन्हीं पौधों को मनरेगा के तहत लगाना दिखाकर उस योजना के तहत भी रुपए का आहरण किया जा रहा है।

मैनपाट में हरियाली के नाम पर पहले भी हो चुका है कारनामा
तीन अलग-अलग मद से एक ही ग्राम ललैया में करोड़ों के पौधोरोपण तो करा दिए गए थे। लेकिन आज भी ग्राम पंचायत ललेया में हरियाली नजर नहीं आ रही है। इसका सबसे अधिक फायदा वन विभाग के वहां पदस्थ कर्मचारियों को हुआ था।
इसकी जानकारी वन मंत्री को होने के साथ ही विभाग के तात्कालीन आला अधिकारियों को भी थी। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। अपनी गलती को छुपाने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा नर्सरी से पौधों को लाकर लगा दिया गया था।

लाखों खर्च के बाद भी नहीं बढ़ी आय
इस योजना के तहत वन विभाग द्वारा वानिकी कृषि को बढ़ावा देना था। इसके लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन इसका फायदा आदिवासी क्षेत्र के किसानों को अब तक नहीं हुआ है। आदिवासियों की आय में कोई वृद्धि नहीं हुई है और न ही पर्यावरण में सुधार हुआ है। केवल वानिकी विस्तार के नाम से बंदरबाट हुआ है।

कहां लगे हैं पौधे
इस योजना के तहत काफी पौधे लगाए जाने की योजना बनाई जा रही है। लेकिन पूर्व में मैनपाट में जो पौधे लगाए गए और जिस स्तर के पौधे लगाने थे। उनके से आधे पौधे भी स्थल पर मौजूद नहीं है।

5 रुपए में कैसे होगी देखरेख
वन विभाग द्वारा किसी के खाते में ५ रुपए तो किसी के खाते में 10 रुपए व अधिकतम 250 रुपए जमा किया गया है। इतने कम रुपए में पौधों की देखरेख कैसे संभव है यह वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही बता सकते हैं। जबकि नर्सरी में पौधों को बचाने के लिए खुद वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर देता है।

ली जाएगी जानकारी
इस मामले की जानकारी कर्मचारियों से ली जाएगी। हरियाली योजना के तहत पौधरोपण को बढ़ावा देना है। इसके लिए पौधों के रखरखाव हेतु कृषकों को रुपए दिए जाने हैं।
केके बिसेन, सीसीएफ

Home / Ambikapur / सीएम ने कहा था- छत्तीसगढ़ के शिमला को करो हरा-भरा, इधर ऑफिसरों ने अपनी जेबें कर लीं लाल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो