जानकारी के अनुसार कोरिया में साक्षर कार्यक्रम के तहत ग्रामीण अंचल के निरक्षरों को पढ़ा-लिखाकर साक्षर बनाने के लिए 239 लोक शिक्षा केंद्र खोला गया था। हर केंद्र में 2-2 प्रेरक रखे गए थे। कार्यक्रम की शुरुआत मई 2010 में की गई थी। कार्यक्रम के तहत प्रारंभिक सर्वेक्षण में 1 लाख 13 हजार 902 निरक्षकर और अंतिम सर्वेक्षण में 94 हजार 781 निरक्षर चिह्नित किए गए थे।
राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा में 87 हजार 315 साक्षर उत्तीर्ण
जानकारी के अनुसार कोरिया के लोक शिक्षा केंद्रों के माध्यम से साढ़े 7 साल में निरक्षर को पढ़ा-लिखाकर साक्षर बनाया गया है और राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान में 87 हजार 315 साक्षर उत्तीर्ण हो गए हैं। उत्तीर्ण होने वाले शिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया गया है।
प्रेरकों ने ये अतिरिक्त जिम्मेदारी भी निभाई
ग्राम सर्वेक्षण में घर-घर जाकर हर परिवार के सदस्यों का डाटाबेस तैयार किया।
मतदाता जागरुकता कार्यक्रम में विशेष अभियान चलाया।
ग्राम पंचायतों में पशुओं की गणना कर रिपोर्ट तैयार किया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव में स्वच्छता का सर्वेक्षण कार्य किया।
सांख्यिकी सर्वेक्षण, वित्तीय साक्षरता के तहत विशेष अभियान चलाया।
प्रधानमंत्री जनधन के खाते खुलवाए, बीमा फार्म भरवाया।
विशेष अभियान चलाकर आधार नबंर को मोबाइल से सीडिंग कराया।
विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार किया।
पांच राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार जीते
ग्राग पंचायत घाघरा-मनेंद्रगढ़, 2012
जिला कोरिया, 2013
ग्राम पंचायत पटना-बैकुंठपुर, 2013
ग्राम पंचायत देवगढ़-भरतपुर, 2014
ग्राम पंचायत बंजारीडांड़-खडग़वां, 2014
इतने राज्य पुरस्कार मिले
राज्य स्तरीय साक्षरता सम्मान-जिला कोरिया, 2011
विशेष साक्षरता सम्मान-ग्राम घाघरा, 2012
विशेष साक्षरता सम्मान-जिला कोरिया, 2013
विशेष साक्षरता सम्मान-ग्राम पटना, 2014
विशेष साक्षरता सम्मान-ग्राम देवगढ़, 2014
विशेष साक्षरता सम्मान-बंजारीडांड़, 2014
मुख्यमंत्री अक्षर सम्मान-विकासखण्ड खडग़वां, 2016
मुख्यमंत्री अक्षर सम्मान-ग्राम छोटे कलुआ, 2017