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अंबिकापुर

एसएनसीयू में रात में 4 घंटे गुल बिजली से आफत में पड़ गई 17 नवजात की जान, नर्सों ने कंबल में लपेटकर की हिफाजत

Medical college: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के जनरेटर की एक बैट्री 9 अप्रैल को हुई थी चोरी, अब तक नई बैट्री की व्यवस्था नहीं कर पाया अस्पताल प्रबंधन

अंबिकापुरApr 22, 2020 / 01:16 pm

rampravesh vishwakarma

एसएनसीयू में रात में 4 घंटे गुल बिजली से आफत में पड़ गई 17 नवजात की जान, नर्सों ने कंबल में लपेटकर की हिफाजत

Nurse of Medicao college hospital and Generator

अंबिकापुर. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां कोरोना वायरस को लेकर पूरा अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हैं, वही एसएनसीयू जहां 17 नवजात बच्चे एडमिट हंै, उन पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। 9 अप्रैल को एसएनसीयू वार्ड के जनरेटर की बैट्री चोरी की शिकायत के बावजूद अभी तक कोई व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं की गई है और इसका खामियाजा नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल सोमवार की रात तेज बारिश की वजह से 4 घंटे से भी अधिक समय तक बिजली गुल थी, इस दौरान बैट्री बैकअप नहीं मिलने की वजह से एसएनसीयू वार्ड के वार्मर कई बार बंद हुए, ऐसी विकट परिस्थिति देख स्टाफ नर्सों द्वारा किसी तरह बच्चों को कंबल में लपेटकर गर्म रखा गया।

सोमवार की रात अचानक तेज बारिश की वजह से पूरे शहर की बिजली गुल हो गई थी। इसका सबसे अधिक असर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में पड़ा। एसएनसीयू वार्ड में 17 बच्चे एडमिट हैं। 9 अप्रैल को एसएनसीयू वार्ड के जनरेटर की एक बैट्री चोरी हो गई है, इसकी शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई पहल प्रबंधन द्वारा नहीं की गई है और इस लापरवाही का खामियाजा सोमवार की रात भुगतना पड़ा।
अचानक बिजली गुल होने से एसएनसीयू की पूरी व्यवस्था ठप हो गई थी। 4 घंटे से भी अधिक समय तक बिजली नहीं आने से इसकी जानकारी स्टाफ नर्सों द्वारा तत्काल वार्ड के प्रभारी डॉ आरके रेलवानी को दी गई। डॉक्टर रेलवानी द्वारा तत्काल अस्पताल अधीक्षक को इस संबंध में बताया गया लेकिन कोई व्यवस्था नहीं होने पर अंधेरे में ही स्टाफ नर्स द्वारा वार्ड के कंबलों से बच्चों को लपेट कर रखा गया, इससे एक बड़ा हादसा टल गया।
नर्सों की तत्परता से हादसा तो टल गया लेकिन एक बड़ा सबक अस्पताल प्रबंधन को मिला है। इसके बावजूद मंगलवार को भी बैटरी की कोई व्यवस्था नहीं की गई , जबकि मौसम लगातार दूसरे दिन भी शाम को बिगड़ गया और 1 घंटे से अधिक समय तक एसएनसीयू वार्ड की बिजली गुल थी।
एसएनसीयू वार्ड के नर्सों ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी तो आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुरानी बैटरी कहीं से मंगवा कर व्यवस्था करने की बात कही गई, लेकिन देर शाम तक बैट्री की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी थी।

कोविड अस्पताल के लिए 4 करोड़ और बैट्री के लिए कुछ भी नहीं
सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज में कोरोना अस्पताल के लिए पूर्व में दो करोड़ रुपए दिए गए थे। अब एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से 4 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। कोरोना से निपटने तमाम इंतजाम किए जाने आवश्यक हैं, लेकिन एक बैट्री तक की व्यवस्था न किया जाना कई सवाल खड़े करता है, वह भी तब जब मामला नन्हें बच्चों की जान से जुड़ा हो।
इस तरह की लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इसकी कोई चिंता नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला प्रबंधन कहने को तो मेडिकल कॉलेज में कई वार्डों के निर्माण में व्यस्त है लेकिन एक छोटी सी बैट्री जिसकी कमी की वजह से कई बच्चों की जान जा सकती थी, उसकी भी व्यवस्था कर पाने में विफल है।

अंधेरे में करना पड़ा काम
एसएनसीयू वार्ड जहां 24 घंटे बिजली की व्यवस्था रहना अत्यंत आवश्यक है ताकि बिजली गुल होने पर जनरेटर अथवा अन्य संसाधनों के माध्यम से बिजली की व्यवस्था कर निरंतर चालू रखा जा सके। इसके बावजूद सोमवार की रात 4 घंटे तक अंधेरे में रहकर स्टाफ नर्सों को काम करना पड़ा। रात 2 बजे के बाद जब किसी तरह जनरेटर को शुरू किया गया तब कहीं जाकर स्टाफ नर्सों ने राहत की सांस ली, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था।

जल्द ही की जाएगी व्यवस्था
एमसीएच बिल्डिंग के जनरेटर से रात में ही एसएनसीयू के जनरेटर को जोड़ दिया गया था। नई व्यवस्था करने हेतु सीजीएमएससी को कहा गया है और जल्द ही इसकी व्यवस्था हो जाएगी।
डॉ. आरके रेलवानी, एसएनसीयू प्रभारी

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