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अंबिकापुर

7 पंडो किसानों ने कर्ज लेकर की धान की खेती, समिति प्रबंधक ने खरीदी से किया इनकार

Paddy purchase: रकबा ऑनलाइन (Online) नहीं होने की कही जा रही बात, किसानों का कहना कि धान नहीं बिक पाने के कारण वे कर्ज (Debt) पटाने में असमर्थ लेकिन मजदूरी (Wage) कर पटाने की कही बात

अंबिकापुरDec 19, 2020 / 10:30 pm

rampravesh vishwakarma

7 पंडो किसानों ने कर्ज लेकर की धान की खेती, समिति प्रबंधक ने खरीदी से किया इनकार

Pando farmers

अंबिकापुर. सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड अंतर्गत रामगढ़ पर्वत की तराई में बसे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष संरक्षित पंडो किसान (Pando farmers) कर्ज में डूबे हुए हैं। पंडो किसानों की धान खरीदी नहीं होने से समिति से लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है।
ग्राम मृगाडांड़ के करीब सात पंडो किसान ऐसे हैं जो वन अधिकार पट्टे की भूमि के आधार पर समिति से खेती करने के लिए कर्ज लिए लेकिन अब धान बेचने की बारी आई तो वन अधिकार पट्टा की भूमि होने का हवाला देकर समिति प्रबंधक ने धान खरीदी करने से मना (Refused to purchase paddy) कर दिया है।

केंद्रीय राज्य मंत्री और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह (MP Renuka Singh) का गोद ग्राम होने के बावजूद सबसे ज्यादा परेशान राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति के पंडों किसानों की है। सहज और सरल जीवन जीने वाले इन लोगों को अब खाद और बीज के लिए सहकारी समिति लिए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है।
वन ग्राम मृगाडांड़ में पंडो किसानों को वन अधिकार पत्र मिला है उसी जमीन पर उनके द्वारा धान की खेती कर्ज लेकर की गई, लेकिन अब धान बेचने पर संकट खड़ा हो गया है। ग्राम मृगाडांड़ के धरम साय पंडो, श्यामलाल पंडों, जवाहिर पंडो, संभल साय पंडो, अनिल पंडो, रनसाय पंडो व मानकुंवर पंडो द्वारा धान की खेती के लिए कर्ज लिया गया है।
इन 7 पंडो किसान द्वारा कुल 1 लाख 8 हजार सात सौ पैतीस रुपये कर्ज लिया गया है। वहीं इन किसानों के धान नहीं बिक पाने की वजह कर्ज (Debt) पटाने में असमर्थ हैं। वे अब मजदूरी कर इसे पटाने की बात कह रहे हैं।

पट्टा का रकबा ऑनलाइन नहीं
पंडो किसानों का धान खरीदी नहीं किये जाने की बात को लेकर उदयपुर सहकारी समिति प्रबंधक ने बताया कि वन अधिकार पट्टा का रकबा ऑनलाइन नहीं हो पाया है। इस कारण धान खरीदी नहीं हो पा रही है।

जल्द सुधार ली जाएगी त्रुटि
कांग्रेस का जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि यह 15 साल के कुशासन का नतीजा है जिस ग्राम पंचायत की बात कही जा रही है वहां वनाधिकार पट्टा दिया गया था लेकिन रकबा नहीं चढ़ पाया है। जो कि एक त्रुटि है जिसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा।

सरकार की विफलता का नतीजा
इस मामले को लेकर विगत दिनों सरगुजा जिले (Surguja district) के दौरे पर आए विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of opposition Dharamlal Kaushik) ने कहा था कि ये सरकार की विफलता है कि इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
इन्हें सरकार ने तो खेती के लिए लोन (Loan) दे दिया। लेकिन अब वनाधिकार पट्टे में लोन देने के बाद अब धान खरीदी सरकार नहीं कर रही है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह मामले सामने आ रहे है।

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