उन्होंने जब संबंधित ग्रामीण के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वह 74 वर्षीय बुजुर्ग है और मुआवजा प्राप्त करने वाला युवक 24 वर्षीय युवक है। शिकायत पर गांधीनगर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार 74 वर्षीय कमलसाय बखला की जमीन महान-3 कोल खदान क्षेत्र में आ रही थी लेकिन कमल साय जमीन देने को तैयार नहीं था। इसकी जानकारी पटवारी कार्यालय में काम करने वाले आरोपी अरिवंद बेक को भी थी।
ग्रामीण कमलसाय बखला जब पटवारी कार्यालय गया था तो आरोपी ने उसके दस्तावेज स्केन कर अपने पास रख लिए थे। इसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर कमलसाय बखला के आधार कार्ड पर अपना फोटो लगाकर खुद को जमीन का मालिक साबित कर डाला। फर्जी दस्तावेज के सहारे केनरा बैंक में खाता भी उसने खाता खोल लिया।
एसइसीएल ट्रीब्यूनल को फर्जी दस्तावेज के माध्यम से अपने आपको कमलसाय बखला साबित कर मुआवजा की राशि हेतु आवेदन भी कर दिया था। एसइसीएल द्वारा जमीन अधिग्रहित करते हुए मुआवजा की राशि १ करोड ७५ लाख ६५ हजार ५९२ रुपए १४ मार्च को निफ्टी के माध्यम से बैंक खाते में जमा करा दिया।
सोमवार को अरविंद बेक खाते से एक मुश्त रुपए निकालने पहुंचा तो बैंक अधिकारियों को कुछ शक हुआ। उन्होंने इस संबंध में गांव में जाकर जब कमलसाय बखला के संबंध में पूछताछ की तो पता चला कि वह 74 वर्ष का बुजुर्ग है और आरोपी महज 24 वर्ष का युवक है। इसकी जानकारी तत्काल बैंक अधिकारियों ने गांधीनगर थाने मे दी। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
कई और मामलों में है आरोपी
पुलिस के अनुसार आरोपी ने इसके पूर्व भी गांव के एक ग्रामीण की जमीन के एवज में 62 लाख रुपए प्राप्त कर लिया था। बाद में पुलिस के हस्तेक्षप पर रकम उसने वापस कर दिया। अपने ही परिजन के खाते से उसने 11 लाख रुपए निकाल लिए थे। इस संबंध में खडग़ांव चौकी में जुर्म दर्ज है।