इसके बावजूद प्रदेश की सरकार कोविड-19 के प्रति गंभीर नहीं है। उक्त बातें शनिवार को सर्किट हाउस में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं। (Political news)
विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना तो चारा घोटाला की तरह साबित हो रहा है। यूरिया की किल्लत पर उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन काल में किसानों को यूरिया की दिक्कत नहीं होती थी।
प्रदेश सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण सरगुजा संभाग सहित पूरे प्रदेश में किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। यूरिया के लिए किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। यूरिया नहीं मिलने से फसल चौपट हो रही है। इससे किसानों को काफी नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। (Political news)
विष्णुदेव साय अंबिकापुर दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और पत्रकारों से चर्चा की। पत्रवार्ता में भाजपा के प्रदेश मंत्री अनुराग सिंहदेव, भाजपा जिलाध्यक्ष ललन प्रताप सिंह, अनिल सिंह मेजर, भारत सिंह सिसोदिया, अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
भाजपा शासनकाल में नहीं थी यूरिया की किल्लत
विष्णुदेव साय ने यूरिया के मामले पर कांग्रेस की सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में यूरिया की किल्लत कहीं पर सामने नहीं आई थी। सभी किसानों को आराम से यूरिया उपलब्ध हो जाता था। इससे पूर्व भी यूपीए सरकार में यूरिया मुश्किल से किसानों को मिलता था।
भारत सरकार से पर्याप्त मात्रा में यूरिया भेजा गया है। प्रदेश सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण सरगुजा संभाग में यूरिया की कमी किसानों को खल रही है।
आदिवासियों की भावना से खिलवाड़
विष्णुदेव साय ने कहा कि सरगुजा संभाग आदिवासी बहुल्य क्षेत्र है। आदिवासियों के लिए सरना पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ग्रामीण लोगों का आस्था का केन्द्र होता है सरना।
यहां पर कई मूर्तियां रख कर पूजा करते हैं। यहां प्रशासन दुर्लभ मूर्तियों को उठाकर ले जा रही है। प्रदेश सरकार आदिवासियों की भावना से खिलवाड़ कर रही है।
गोठानों में गायों की हो रही मौत
साय ने कहा कि सरकार पूरी तरह से फेल है, विकास फेल है। नरवा, गरुवा, घुरवा व बाड़ी योजना को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार की पोल खुल रही है। आए दिन गोठानों में गायों की मौत हो रही है, लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद गोठानों में गायों के लिए चारे की व्यवस्था नहीं है।