वहां से रेफर किए जाने के पश्चात मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर अंगूठी निकाली, इससे बच्चे की जान बच गई। अपने मासूम बेटे को सही-सलामत देख माता-पिता के चेहरे पर भी मुस्कान नजर आई।
कोरिया जिले के ग्राम भाड़ी निवासी पप्पू यादव का ढाई वर्षीय पुत्र रोशन सोमवार को घर में ही खेल रहा था। इस दौरान उसने अपनी मां की अंगूठी निगल ली। दूसरे दिन वह दर्द से छटपटाने लगा तो माता-पिता डर गए। उन्हें ऐसा अंदेशा नहीं था कि बच्चे ने अंगूठी निगल ली होगी। हालांकि मां की अंगुली सूनी थी तो वह अंगूठी खोज रही थी।
दर्द से तड़पता देख वे बेटे को बैकुठपुर जिला अस्पताल ले गए। यहां एक्सरे रिपोर्ट में डॉक्टरों को बच्चे के गले में अंगूठी फंसी दिखाई दी। गुरुवार को डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। फिर माता-पिता उसे लेकर अंबिकापुर पहुंचे।
यहां शुक्रवार को डॉक्टर शैलेंद्र गुप्ता, डॉ. आशा बंसल ने नर्स माइकल, अनिता तथा वार्ड ब्वाय रामदास व भूटु के सहयोग से ऑपरेशन कर गले में फंसी अंगूठी निकाल ली। अंगूठी निकलने के बाद माता-पिता ने भी राहत की सांस ली। उनके चेहरे पर मुस्कान नजर आई।
बच्चों की पहुंच से ये चीजें रखें दूर
डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि मासूम बच्चों पर माता-पिता को कड़ी नजर रखनी चाहिए। उसे अपनी आंखों से ओझल न होने दें। बच्चों की पहुंच से सिक्के, पिन, अंगूठी व पेन जैसी चीजें दूर रखें। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।