इस दौरान टीचर्स हंस रहे थे, जबकि छात्र-छात्राओं का सिर झुका हुआ था। वहीं अब उसे नोटिस दिया गया है कि परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा, जबकि उसकी उपस्थिति 92 प्रतिशत है। कलक्टर ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल संत हरकेवल के प्राचार्य को बुलाकर फटकार लगाते हुए परीक्षा में उपस्थिति के आधार पर शामिल होने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच की जवाबदारी उच्च शिक्षा विभाग के उपसंचालक को सौंपी।
संत हरकेवल बीएड कॉलेज के प्राचार्य अपने व्यवहार की वजह से आए दिन सुर्खियों में रहते हैं। उनपर बीएड कॉलेज प्रथम वर्ष की छात्रा प्रतिमा मिंज ने आरोप लगाते हुए कलक्टर किरण कौशल से शिकायत की। छात्रा ने बताया कि प्राचार्य अंजन सिंह द्वारा आए दिन गंदी भाषा में उसके साथ बात की जाती है।
उसने बताया कि जब वह कॉलेज में प्रवेश ले रही थी उसे नहीं पता था कि दो वर्षों की पढ़ाई के दौरान कोई भी महिला गर्भवती नहीं हो सकती है। प्रतिमा मिंज ने बताया कि चूंकि वह विवाहिता है और दिसम्बर माह से गर्भवती है। कॉलेज के कार्यक्रम में मेरे मना करने के बावजूद प्राचार्य द्वारा जबरन उससे नृत्य कराया गया। जब उसकी डिलीवरी हो गया तो उसे कॉलेज से एक नोटिस दिया गया कि उपस्थिति कम होने की वजह से परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा।
शिकायत प्रस्तुत करते हुए उसने कलक्टर को बताया कि कॉलेज के अन्य छात्राएं भी प्राचार्य के अत्याचार से प्रताडि़त हैं। लेकिन सभी छात्राओं को यह कहकर डराया जाता है कि अगर किसी प्रकार की शिकायत बाहर करेंगी तो उन्हें परीक्षा में फेल कर दिया जाएगा। कलक्टर किरण कौशल ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल संत हरकेवल बीएड कॉलेज के प्राचार्य को बुलाया और उन्होनें कहा कि अगर छात्रा का 92 प्रतिशत उपस्थिति है और ऐसी स्थिति में वह कुछ दिनों का अवकाश भी लेती है तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि नियमानुसार ही कॉलेज का संचालन करें। कलक्टर ने उच्च शिक्षा विभाग के उपसंचालक डॉ. एसके त्रिपाठी को भी बुलवाया और शिकायत पर चर्चा की। उन्होंने उपसंचालक को पूरे मामले की जांच करते हुए तत्काल रिपोर्ट पेश करने को कहा। इसके साथ ही अन्य शिकायतें जो प्राप्त हुईं हैं, उनपर भी जांच करने के निर्देश दिए गए।
शपथ पत्र लेने पर लगाई फटकार
एनसीटीई के नियमों का हवाला देते हुए कलक्टर ने संत हरकेवल के प्राचार्य को कहा कि पढ़ाई के दौरान किसी महिला से गर्भवती नहीं होने का शपथ-पत्र लेना बंद करें। शपथ पत्र लेने की शिकायत अब नहीं मिलनी चाहिए।
शिकायत पर जांच के दिए गए हैं निर्देश
छात्रा ने शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर प्राचार्य को बुलाकर सारे तथ्यों के संबंध में पूछा गया और कहा गया कि छात्रा को परीक्षा से वंचित नहीं करें। सभी शिकायतों की जांच की जिम्मेदारी उपसंचालक उच्च शिक्षा विभाग को दी गई है।
किरण कौशल, कलक्टर