कभी एक निर्मोही मां ने जिस दूधमुंहे बच्चे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उसे मातृछाया में रखकर न केवल नई जिंदगी दी गई, बल्कि मां की ममता भी मिली। गुरुवार को न्यायालय के आदेश पर ‘शिवम’ नामक इस बच्चे को स्पेन की एक दंपती को गोद दिया गया।
बच्चों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारा अनाथ बच्चों को गोद देने के लिए प्रक्रिया पूर्ण करती है। कारा के माध्यम से ही स्पेन की दंपती ने मातृ-छाया के बच्चे शिवम को गोद लेने की इच्छा दिखाई थी।
स्पेन व भारतीय दूतावास के माध्यम से गोद लेने हेतु आवेदन करने के बाद परिवार व कुटुंब न्यायालय में नियमानुसार पूरे मामले की सुनवाई की गई। गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की प्रक्रिया पूर्ण की गई और बच्चे को गोद देने की अनुमति दी गई।
कारा के माध्यम से पूर्ण होगी पूरी प्रक्रिया
कारा के माध्यम से बच्चे के पासपोर्ट व वीजा की पूरी प्रक्रिया की गई। इसके लिए दंपती के साथ जो ट्रांसलेटर स्पेन से आया था, वह न्यायालय के आदेश के बाद ही प्रक्रिया पूर्ण करने रवाना हो गया है।
कारा के माध्यम से बच्चे के पासपोर्ट व वीजा की पूरी प्रक्रिया की गई। इसके लिए दंपती के साथ जो ट्रांसलेटर स्पेन से आया था, वह न्यायालय के आदेश के बाद ही प्रक्रिया पूर्ण करने रवाना हो गया है।
पहला बच्चा दिया गया विदेशी नागरिक को
अब तक मातृ छाया में 43 बालिका और 37 बालक आ चुके हैं। इसमें से 22 बच्चे को अब तक गोद दिया जा चुका है। इसमें से 12 बच्चों की शुरू से ही स्वास्थ्य खराब होने की वजह से मृत्यु हो चुकी है। जबकि 10 बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। शिवम पहला बच्चा है, जिसे स्पेन में रहने वाले एक विदेशी दंपति को गोद दिया गया है।
दंपति ने बताया ईश्वरीय देन
स्पेन से आए दंपति ने बताया कि कारा की वेबसाइट में सिर्फ बच्चे के वजन व स्वास्थ्य की जानकारी होती है। स्पेन में गोद लेने के लिए ज्यादा विकल्प नहीं दिया जाता है। कारा के माध्यम ऑनलाइन जो भी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है उसमें ही गोद लेने की स्वीकृति देनी होती है।
स्पेन से आए मारिया व एंटोनी ने बताया कि शिवम उनके लिए ईश्वरीय देन है। उसे हर वह सुविधा प्रदान की जाएगी जो एक बच्चे को माता-पिता से मिलनी चाहिए। उसकी प्रतिभा को दबाने का प्रयास कभी भी नहीं किया जाएगा।
गोदभराई की रस्म की गई अदा
मातृ-छाया संस्था द्वारा स्पेन की दंपती को बैठाकर तिलक लगाकर पहले भारतीय परम्परा का निर्वहन किया गया। संस्था की सदस्यों ने बच्चे को देने से पूर्व स्पेन के दंपतिी की गोदभराई की गई। इसमें उन्हें एक कपड़ा और उसमें चावल व नारियल दिया गया। शिवम को पाकर मारिया और एंटोनी खुशी से गदगद हो गए।