अंबिकापुर. नौ दिनों तक नवरात्रि की धूम रही। मंदिरों में पूजा-आराधना हुई। ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए। शहर के अलग-अलग स्थानों में दुर्गाेत्सव समितियों ने पहली व षष्ठी के दिन पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित कीं। आकर्षक लाइटिंग की गई। जगत जननी के दर्शन के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा।
इसी धूम के साथ बुधवार को प्रतिमाओं के विसर्जन (Statue immersion) का सिलसिला शुरू हुआ। बैंड-बाजों के साथ आकर्षक झाकियां निकाली गईं। विसर्जन में सैकड़ों की संख्या में युवक-युवतियों, महिला-पुरुषों व बच्चों ने हिस्सा लिया। इस दौरान कई युवतियां मां दुर्गा-काली व लक्ष्मी के रूप में नजर आईं।
बुधवार की दोपहर से ही दुर्गोत्सव की झांकियों का कारवां एक-एक कर निकला। शहर की मध्यनगरीय समिति, जयस्तंभ चौक, चंबोथी तालाब, दुर्गा बाड़ी, गांधीनगर, बौरीपारा, दर्रीपारा, मायापुर, सत्तीपारा सहित विभिन्न मोहल्लों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
आकर्षक झांकियों को देखने के लिए लोग घरों से बाहर सड़कों पर निकल पड़े थे। जीवंत व चलित झांकियों को देखकर लोगों ने खूब सराहना की। देर रात तक धीरे-धीरे झांकियां शहर का भ्रमण करते हुए विसर्जन के लिए तालाबों व नदियों में पहुंचीं। विसर्जन स्थल पर आरती उतारते हुए भक्तों ने माता से आशीर्वाद लिया और उनसे सदैव कृपा बनाए रखने की कामना की।
प्रशासन द्वारा निर्धारित विभिन्न तालाबों में शहर के सभी दुर्गोत्सव समितियों ने माता के प्रतिमा का विसर्जन किया। पंडालों में बुधवार को महिलाओं ने माता का श्रृंगार करते हुए विशेष पूजा की। गाजे-बाजे के साथ भक्त माता को विसर्जित करने के लिए विसर्जन स्थल पहुंचे।
जवारे का किया विसर्जन मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही पंडालों में बोए गए, जवारे का विसर्जन भी भक्तों ने किया। छोटी बालिकाएं व महिलाएं जवारे को सिर पर रखकर नृत्य करते हुए विसर्जन स्थल तक पहुंचीं।
शहर में गूंजते रहे माता के गीत विसर्जन के दौरान बैड-बाजे व डीजे पर भजन बजते रहे। इसमें झूपत-झूपत आवे दाई मोरे अंगना ओ.., होवत है माता के विदाई जैसे गीतों पर भक्त झूमते रहे। भक्त भी भजनों को सुनकर माता की जय-जयकार करते रहे।
भोग, प्रसाद का हुआ वितरण विसर्जन स्थल में माता को विदा करते हुए भक्तों ने माता को भोग अर्पित कर वितरित किया। लाई, बूंदी, नारियल, हलवा सहित कई तरह के प्रसाद का वितरण किया गया। श्रद्धालु भी माता की जय-जयकार करते हुए प्रसाद ग्रहण करते नजर आए।
सिर पर प्रतिमा रख पहुंचे विसर्जन करने नव जागृति सेवा समिति जयस्तंभ चौक की महिला सदस्य माता की चांदी की प्रतिमा सिर पर रख विसर्जन करने निकली। जसगीत पर महिलाएं माता की प्रतिमा को लेकर झूमती रहीं। इस दौरान समिति द्वारा स्थापित विशाल प्रतिमा अलग से आकर्षक झांकी के साथ निकली।
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