चिकित्सक द्वारा परिजन को जानकारी दी गई कि प्रत्येक दिन का खर्च कुल 4 हजार से 5 हजार रुपए के मध्य होगा तथा रोगमुक्त होने पर चार-पांच दिन बाद छुटटी कर दी जाएगी। 29 अगस्त को दोपहर 3.27 बजे मो. समशेद खान द्वारा कार्ड प्रस्तुत कर ब्लॉकिंग कराया गया।
इसमें सिवियर सेप्सिस के लिए ब्लॉक किया गया लेकिन मेडिकेयर टीपीए द्वारा जब दस्तावेज मंगाकर जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया गया तो उसके आधार पर सिवियर सेप्सिस का लक्षण नहीं पाए गए। इस पर टीपीए द्वारा अनस्पेसिफाइड पैकेज 25 हजार रुपए का अप्रुव्हल दिया गया।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अनावश्यक रुप से लाभ लेने हेतु गलत पैकेज ब्लॉकिंग की गई। स्मार्ट कार्ड ब्लॉक होने के बाद मरीज से किसी भी प्रकार की राशि नहीं लेने के प्रावधान है।
स्मार्ट कार्ड ब्लॉक होने के बाद भी थमाया बिल
29 अगस्त 2018 को स्मार्ट कार्ड ब्लॉक होने के पश्चात भी परिजन को अस्पताल द्वारा 16 हजार 500 का बिल व 31 अगस्त को 40 हजार का बिल दिया गया जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के नियमानुसार गलत है। अस्पताल का यह कृत्य अनावश्यक रूप से जनाक्रोश को बढ़ावा दे रहा है।
स्वास्थ्य संचालनालय को भेजा पत्र
सीईओ ने बताया कि 24 अगस्त को हितग्राहियों को लाभ नहीं दिये जाने के संबंध में भी जीवन ज्योति अस्पताल को नोटिस जारी की गई थी, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल द्वारा मरीज को स्मार्ट कार्ड की जानकारी से वंचित रखा जा रहा है।
इन बातों को दृष्टिगत रख जिला पंचायत सीईओ द्वारा जीवन ज्योति अस्पताल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से अपंजीकृत करने की अनुशंसा की गई है। इस आशय का पत्र स्वास्थ्य संचालनालय को प्रेषित कर दिया गया है।