अंबिकापुर सहित जिले में मंगलवार की सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है। इससे लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तरी छत्तीसगढ़ में आने 48 घंटे में ऐसी स्थिति बनी रहेगी और बारिश होती रहेगी। दरअसल बंगाल की खाड़ी में बने गहरे अवदाब क्षेत्र बनने की वह से यह स्थिति निर्मित हुई है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की मानें तो 11 और 12 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में गहन अवदाब क्षेत्र बना हुआ था। वहीं यह अवदाब क्षेत्र उड़ीसा को पार करते हुए छत्तीसगढ़ के अंदरूनी हिस्से में प्रवेश कर गया है। बिलासपुर और कोरबा के बीच से होते हुए निकल रहा है।
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अब संभावना जताई जा रही है कि अगले 24 से 48 घण्टे में बंगाल की खाड़ी में बना गहन अवदाब क्षेत्र कमजोर होते हुए मध्यप्रदेश की ओर निकल जाएगा। लेकिन इस दरमियान 48 घंटे तक उत्तरी छत्तीसगढ़ में बारिश होती रहेगी। वहीं मानसून के लौटने की बात करें तो राजस्थान से इसकी प्रक्रिया सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती है।
लेकिन इस वर्ष जिस तरह से मानसून ने अपने निर्धारित समय से 1 सप्ताह पहले दस्तक दिया था। उस हिसाब से मानसून के लौटने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है जबकि सितंबर का आधा माह गुजरने को है।
वहीं मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि आने वाले 17-18 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी में एक और अवदाब क्षेत्र बनने वाला है। अगर यह संभावना निर्मित होती है तो मानसून की वापसी में कुछ लेट हो सकता है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से मानसून की वापसी 10 से 15 अक्टूबर तक होती है और इस दौरान रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना बनी रहेगी।
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धान के लिए काफी उपयोगी है बारिशअभी की बारिश धान की फसल के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है। इस बारिश ने धान की फसल में जान देने का काम किया है। कृषि विश्वविद्यालय अंबिकापुर के सहायक प्रोफेसर रंजीत कुमार ने बताया कि यह बारिश धान की फसल के लिए उपयोगी है।
वहीं सब्जी, मक्का, दलहन की फसल के लिए नुकसान है। खेतों में पानी जमा होने का कारण सब्जी, मक्का, दलहन की फसल पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। किसानों को चाहिए कि सब्जी, मक्का, दलहन के खेतों में जमा पानी को निकाल दें।