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अंबिकापुर

सरगुजा के बिगड़ैल हाथियों को सुधारने महासमुंद से लाए गए कुमकी हाथियों की विधि-विधान से हुई पूजा, फिर…

विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद तमोर पिंगला अभ्यारण्य में घुमाया गया, हाथियों को लाने वाले महावतों व ट्रक चालकों को दी गई प्रोत्साहन राशि

अंबिकापुरMar 11, 2019 / 02:16 pm

rampravesh vishwakarma

Kumki elephants

Kumki elephants

अंबिकापुर. तमोर पिंगला हाथी रहवास व पुनर्वास सेंटर में शनिवार की शाम कुमकी हाथियों का दल पहुंचा। यहां हाथियों की विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद उन्हें रेस्क्यू सेंटर का भ्रमण कराया गया। अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह के अंदर हाथियों का दल तमोर के वातावरण में ढल जाएगा।

रविवार को कुमकी हाथियों रेस्क्यू सेंटर के पिंगला नदी में बने बाथिंग स्पॉट मेें नहाने के लिए छोड़ दिया गया। स्वच्छ पानी में हाथियों ने जलक्रीड़ा की। फिर पांचों हाथियों की पूजा-अर्चना की गई।
इसके बाद फिर हाथियों को रेस्क्यू सेंटर का भ्रमण कराया गया। इस दौरान सीसीएफ एबी मिंज व डीएफओ बीपी सिंह ने कुमकी हाथी परिवहन टीम के प्रभारी मुख्य वन संरक्षक वन प्राणी एसएस कंवर व एलिफेंट रिजर्व के डीएफओ अरविंद पीएम, देहारादून के विशेषज्ञ लक्ष्मीनारायण,
कानन पेंडारी के चिकित्सक पीके चंदन व प्रभात दुबे व कानन पेंडारी से आए सोनू का रेस्क्यू सेंटर में स्वागत किया गया। कुमकी हाथियों के साथ आए महावतों, कावडिय़ों, ट्रक चालकों का भी स्वागत एवं प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया।

सरगुजा की टीम करेगी नियंत्रित
हाथियों को सूरजपुर जिले के रमकोला क्षेत्र के पिंगला नदी के किनारे बनाए गए रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। सरगुजा सहित रेंज में उत्पात मचा रहे हाथियों पर नियंत्रण के लिए कुमकी हाथियों को यहां लाया गया है। कुछ महीने पहले कर्नाटक से लाए जाने के बाद हाथियों को महासमुंद में रखा गया था ताकि यहां के वातावरण में एडजेस्ट कर सकें।
कुमकी हाथियों के साथ कर्नाटक के अलावा सरगुजा रेंज के महावतों की एक टीम तैयार की गई है। हाथियों के साथ महावतों की पूरी टीम भी पहुंच चुकी है। कर्नाटक के महावतों को यहां दिक्कत न हो इसलिए क्षेत्र के कुछ लोगों को महावत के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।

रेस्क्यू सेंटर में हंै सोनू और सिविल बहादुर हाथी
बिलासपुर से कुछ महीने पहले ही सोनू और सिविल बहादुर हाथी यहां लाए गए थे। सिविल बहादुर को कुसमी क्षेत्र के सिविलदाग में जबकि सोनू को बिलासपुर में पकड़कर प्रशिक्षित किया गया था। कर्नाटक के प्रशिक्षित कुमकी हाथियों के माध्यम से अब सरगुजा रेंज में भटक रहे उत्पाती हाथियों पर नियंत्रण के लिए अभियान शुरू होगा।
रेंज में अलग-अलग दल में 105 हाथी भटक रहे हैं। पूर्व सीसीएफ केके बिसेन ने बताया कि महासमुंद से कुमकी हाथी सुरक्षित यहां पहुंच गए हैं और सभी को रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है।
भ्रमण के बाद इन हाथियों को नियंत्रित करने के लिए सिक्कड़ में बांध कर रखा गया है। ताकि वे इधर-उधर न हो सकें। सोनू व सिविलदाग हाथी को रेस्क्यू सेंटर के बाड़े में रखा गया है। ताकि वे किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचा सके।
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