जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया जाता, उसकी मौत हो चुकी थी। उसकी मौत की पुष्टि डॉक्टरों ने करंट लगने से की। इधर वन विभाग का कहना है कि ऐसे मौत में विभाग की ओर से किसी प्रकार के मुआवजे का प्रावधान नहीं है। बताया जा रहा है कि विभाग इस मौत पर पर्दा डालने में जुटा हुआ था।
उमस भरी गर्मी में घर के बाहर सो रहे डॉक्टर को हाथी ने मार डाला, पत्नी ने ऐसे बचाई अपनी जान यहां यह बात भी बताना लाजिमी है कि यदि हाथियों को गांव से दूर रखने के लिए फेंसिंग लगाई गई थी तो युवक की उस तार के संपर्क में आने से मौत कैसे हो गई, जबकि तार केवल झटका देने के लिए लगाया गया है।
लखनपुर विकासखंड के कुन्नी चौकी अंतर्गत ग्राम घटोन पटकुरा क्षेत्र में हाथियों (Elephants) का दल भ्रमण कर रहा है। 9 जून की रात करीब 9 बजे गांव का ही 32 वर्षीय बाबूलाल लकड़ा पिता नकुलसाय खाना खाने के बाद घर के बाहर बैठकर अन्य लोगों से बातचीत कर रहा था। इसी बीच हाथियों के चिंघाडऩे की आवाज सुनकर सभी हड़बड़ा गए।
हाथियों के गांव में घुस आने का आभास होने पर सभी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए। इसी बीच बाबूलाल उस ओर भागा, जिस तरफ सोलर फेंसिंग लगी हुई थी। भागने के दौरान वह तार (Death from current) में फंसकर गिर पड़ा। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। करंट लगने से उसकी मौत हो चुकी थी।
इधर हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मार डाला, उधर जंगल में मिली हाथी की लाश हाथियों को झटका देने के लिए की गई है फेंसिंग
हाथी गांव में न घुसे, इसके लिए वन विभाग द्वारा गांव से लगे जंगल के चारों ओर फेंसिंग की गई है। इस फेंसिंग में उतना करंट होता है जिससे कि केवल झटका लगे। झटका लगने से हाथी वापस जंगल की ओर रुख कर जाते हैं लेकिन तार की चपेट में आकर युवक की मौत कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
मुआवजे का नहीं है प्रावधान
पहले तो वन विभाग युवक की मौत पर पर्दा डालने की तैयारी कर चुका था लेकिन बात सामने आने पर उनका कहना था कि इस तरह की मौत में विभाग की ओर से मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं पुलिस विभाग मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहा है।
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