विदेश विभाग ने जारी किया बयान
विदेश विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने कहा, ‘आज की गई कार्रवाई का मकसद किसी देश की सैन्य क्षमताओं को या उसकी लड़ने की क्षमता को कमजोर करना नहीं है।’ विभाग ने कहा, ‘इसके बजाए, इसका मकसद अमरीकी चुनाव प्रक्रिया में दखल देने, पूर्वी यूक्रेन में अस्वीकार्य व्यवहार करने और अन्य अहितकारी गतिविधियों के जवाब में रूस को सबक सिखाना है।’
अमरीका के ब्लैकलिस्ट में रूस के कुल 72 लोग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रतिबंध उस कानून के तहत लगाए गए हैं जिसमें अमरीका को रूसी हथियार निर्माताओं सहित खुफिया एजेंसी या सैन्य सेवाओं से जुड़े कुछ निश्चित लोगों के साथ महत्वपूर्ण लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। वहीं अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी गुरुवार को ब्लैकलिस्ट में 33 और रूसी लोगों के नाम जोड़ दिए। इसके बाद इस सूची में अब कुल 72 लोग हो गए।
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जमीन से हवा में वार करने वाली मिसाइल की खरीददारी करने पर प्रतिबंध
पोम्पियो ने वित्त मंत्री स्टीफन मनुचिन की सलाह से चीनी सेना के उपकरण विकास विभाग और इसके निदेशक ली शांगफू पर रूस से एसयू-35 लड़ाकू विमान और एक एस-400 (जमीन से हवा में वार करने वाली) मिसाइल सिस्टम खरीदने के चलते प्रतिबंध लगा दिया।
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