‘आरएआईसीईएस’ की संचार निदेशक जेनिफर ने की निंदा
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या डीएनए जांच के लिए सहमति जरूरी है या फिर स्टोरेज डेटाबेस के जरिए डीएनए की जांच की जाएगी। बता दें कि टेक्सास में एक एनजीओ ‘आरएआईसीईएस’ की संचार निदेशक जेनिफर के.फाल्कन ने अमरीका-मैक्सिको सीमा पर रहे शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए निःशुल्क और कम दाम पर कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराने की पेशकश की है। जेनिफर ने सरकार की ओर से बच्चों के डीएनए टेस्ट कराने के कदम को निंदनीय बताया है और कहा कि इस तरह के संवेदनशील डेटा को संग्रहित करने से सरकार इन बच्चों पर जीवनभर नजर रक सकती है।
क्रांति ने अमरीका के लिए खोल दिए विकास के मार्ग, हुआ संयुक्त राष्ट्र अमरीका का निर्माण
पिछले कई महीनों में 2500 बच्चों को उनके मां-बाप से अलग किया गया
आपको बता दें कि इससे पहले अमरीका में गैरकानूनी रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की फोटोज़ सामने आने व माता-पिता के लिए बच्चों के रोने का ऑडियो सामने आने के बाद से दुनियाभर में ट्रंप के निर्णय के प्रति रोष देखने को मिल रहा था। शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रम्प ने तब कहा, ”परिवारों को अलग करने के दृश्य अच्छे नहीं लगे।’ बता दें कि इसी वर्ष मार्च से लेकर जून के बीच करीब 2500 बच्चों को उनके मां-पिता से अलग कर दिया गया। ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि ‘हम परिवारों को साथ रखेंगे व इससे समस्या सुलझ जाएगी । साथ ही हम सीमा पर सख्ती बनाए रखेंगे व इस विषय में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बरकरार रहेगी। हम उन लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे जो राष्ट्र में गैरकानूनी रूप से प्रवेश करते हैं।’