अमरीका ने आतंकवाद और सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुए अपने नागरिकों से पाकिस्तान की यात्रा करने पर पुनर्विचार करने और अपराध तथा आतंकवाद का हवाला देते हुए भारत जाने वालों से सावधानी बरतने को कहा है।
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अमरीकी विदेश मंत्रालय ने भारत के लिए एक परामर्श जारी करते हुए अमरीकी नागरिकों से आतंकवादी खतरों तथा नागरिक असंतोष के कारण जम्मू-कश्मीर और सशस्त्र संघर्ष की आशंका को देखते हुए भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा नहीं करने का आग्रह किया है। परामर्श में कहा गया, भारतीय अधिकारियों ने बताया कि बलात्कार, भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है। यौन उत्पीड़न जैसे, हिंसक अपराध भी पर्यटन स्थलों तथा अन्य स्थानों पर सामने आए हैं।
परामर्श में कहा गया है कि आतंकवादी मामूली या बिना किसी चेतावनी के पर्यटन स्थलों, परिवहन अड्डों, बाजार/मॉल और सरकारी संस्थानों पर हमला कर सकते हैं। परामर्श में कहा गया कि अमरीका सरकार के पास पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्से, पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में अमरीकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है, क्योंकि अमरीकी सरकार के कर्मचारियों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
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विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के लिए जारी परामर्श में अमरीकी नागरिकों से आतंकवादी हमलों तथा अपहरण के खतरे का हवाला देते हुए बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की यात्रा नहीं करने का आग्रह किया, जिसमें पूर्व संघ प्रशासित कबायली क्षेत्र (एफएटीए) भी शामिल है। साथ ही, सशस्त्र संघर्ष की आशंका के चलते नियंत्रण रेखा के आसपास के इलाकों में नहीं जाने को भी कहा है। परामर्श में कहा गया, आतंकवादी संगठन अब भी पाकिस्तान में हमलों की योजना बना रहे हैं।
आतंकवाद के स्थानीय इतिहास और चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंसा की वैचारिक आकांक्षाओं के कारण असैन्यों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य तथा पुलिस लक्ष्यों पर भी अंधाधुंध हमले किए गए हैं। आतंकवादी मामूली या बिना किसी चेतावनी के परिवहन अड्डों, बाजार, मॉल, सैन्य संस्थानों, स्कूल, अस्पतालों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों और सरकारी संस्थानों पर हमला कर सकते हैं।