बता दें कि तुलसी गबार्ड भारतीय मूल की पहली हिन्दू अमरीकी कांग्रेस सदस्य हैं। उनहोंने लॉस एंजिलिस की कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। वह 2013 से 2 बार हवाई से सांसद चुनीं गई हैं।
राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकती हैं भारतीय मूल की अमरीकी सांसद तुलसी गबार्ड
गूगल पर क्या है आरोप
38 साल की तुलसी गबार्ड ने फेडरल कोर्ट में दाखिल मुकदमे में गूगल पर आरोप लगाया है कि उनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न किया गया है। तुलसी ने कहा कि गूगल ने उनके पहले डैमोक्रेटिक डिबेट के बाद उनके कैंपेन से जुड़े विज्ञापन अकाउंट को कुछ देर के लिए सस्पेंड कर दिया गया था।
तुलसी की कैंपेन कमिटी ने कहा है कि 27 जून को गूगल ने उनके विज्ञापन अकाउंट को 6 घंटे के लिए सस्पेंड किया था। इतना ही नहीं 28 जून को फिर से इसे दोहराया गया था। अकाउंट बंद होने के कारण आम लोगों तक उनकी पहुंच प्रभावित हुई है और उन्हें मिलने वाला चंदे में भी नुकसान हुआ है।
कौन हैं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड एक अमरीकी सिनेटर हैं जो हवाई क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोर विरोधी महिला नेता है।
तुलसी गाबार्ड ने बचपन में ही हिन्दू धर्म अपना लिया था। उन्होने अमरीकी सीनेट पद की शपथ भी, हिन्दू मान्यताओं की धार्मिक पुस्तक, भागवद गीता पर हाथ रख कर ली।
अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगी पहली हिंदू उम्मीदवार तुलसी गबार्ड
2013 में वह पहली बार हवाई क्षेत्र से चुनकर अमरीकी सदन में पहुंचीं थी। 2016 में हुए चुनावों में महिला नेता के तौर पर हिलेरी क्लिंटन को डोनाल्ड ट्रंप ने हराया था।
लेकिन आगामी 2020 के चुनाव में तुलसी को बेहद पसंद किया जा रहा है और वह डैमोक्रेट की ओर से राष्ट्रपति पद की उमीदवार हैं। अगर वह जीतती हैं तो अमरीका पर शासन करने वाली पहली हिन्दू महिला बन जाएंगी।
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