संयुक्त राष्ट्र। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में सैंकड़ों अधिकारियों ने योग के विभिन्न आसन किए। पूरे हॉल में अनुलोम-विलोम के स्वर गूंज रहे थे। ऐसा लग रहा था कि भारत की यह मुहिम अब पश्चिमी देशों में सिर चढ़कर बोल रही है। कार्यक्रम में शामिल हुए संयुक्त राष्ट्र के सैंकड़ों अधिकारी और राजनयिकों ने जलवायु परिवर्तन, सहिष्णुता तथा शांति का संदेश देते हुए योग दिवस मनाया।
सभी वर्गों के लोग शामिल हुए पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भारत के स्थायी मिशन की ओर से गुरुवार को महासभा के हॉल में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक, अधिकारी, योगगुरु, बच्चे और विभिन्न वर्गों के लोग पहुंचे। महासभा के हॉल में पहली बार विशाल योग कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पांच साल पहले रखा था प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था। तब से हर साल 21 जून को यह दिवस मनाया जाता है। शुक्रवार को सभा को संबोधित करते हुए उपमहासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि योग का सार संतुलन है,’ न केवल हमारे भीतर बल्कि मानवता के साथ हमारे संबंधों में भी।’ योग करने पहुंचे लोगों ने योग गुरुओं के निर्देशों का अनुसरण किया। इस दौरान ‘ओम शांति, शांति ओम’ मंत्र का उच्चारण किया। इसके साथ अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास किया और ध्यान भी लगाया।