पूर्व पत्नी और दोस्त की हत्या का लगा था आरोप
ये बात 90 के दशक की है जब सिम्पसन (OJ Simpson) पर अपनी पत्नी और अपने दोस्त की हत्या का आरोप लगा था। 1994 में सिम्पसन की पूर्व पत्नी निकोल ब्राउन और दोस्त रोनाल्ड गोल्डमैन की लॉस एंजिल्स स्थित घर के बाहर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्या के संदिग्ध के तौर पर ओजे सिम्पसन को गिरफ्तार कर लिया गया था। ये केस उस वक्त का बेहद हाईप्रोफाइल केस था। हैरानी की बात ये है कि जिस दिन उन्हें ट्रायल के लिए कोर्ट के सामने पेश होना था उस दिन वो अपने दोस्त के साथ व्हाइट फोर्ड ब्रोंके भाग गए थे लेकिन पुलिस ने उनका कार से पीछा किया। आपके बता दें कि इस पूरी घटना को उन दिनों टेलिविजन पर लाइव दिखाया गया था। इस घटनाक्रम से ये केस पूरे अमरीका के घर-घर में चर्चित हो गया था।
रंगभेद को बनाया गया जरिया
1995 में अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को ये तर्क दिया कि ओजे सिम्पसन (OJ Simpson) ने नफरत में आकर अपनी पूर्व पत्नी और दोस्त की हत्या की है। वहीं सिम्पसन के बचाव पक्ष ने अपना मूलभूत तर्क रखा था कि सिम्पसन के साथ रंगभेद किया जा रहा है। ब्लैक नस्ल का होने के चलते उन्हें जबरन इस केस का आरोपी बनाया जा रहा है। अभियोजन पक्ष ने हत्या की जगह पर मिले हुए सामान भी कोर्ट में पेश किए जिसमें वो खूनी दस्ताना (Bloodstained Gloves) भी शामिल था। जी हां वही खूनी दस्ताना जिसने इस ट्रायल के रुख को ही बदल कर रख दिया।
सिम्पसन के हाथों में फिट ही नहीं हुए ‘खूनी दस्ताने’
दरअसल अभियोजन पक्ष ने वारदात की जगह से खून से सने दस्ताने, बाल और फाइबर को कोर्ट में पेश किया था। उनका कहना था कि ये सब वारदात जगह से बरामद किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये दस्ताने (Bloodstained Gloves) सिम्पसन के हैं लेकिन इस तथ्य को कोर्ट के सामने पेश करना था तो अभियोजन पक्ष ने इन दस्तानों को सिम्पसन से पहनने के लिए कहा। फिर हुआ वो जिसका अंदाज़ा किसी को नहीं था। दरअसल जो दस्ताने सिम्पसन को पहनने के लिए दिया गए वो उनके (OJ Simpson) हाथों में बने ही नहीं। बस फिर क्या था तुरंत सिम्पसन के वकील जॉनी कोचरन ने एक फेमस वाक्य को जन्म दिया कि “इफ इट डज़ नॉट फिट, यू मस्ट एक्टिव” यानी “अगर ये फिट नहीं बैठता है, तो आपको बरी कर देना चाहिए।”
आखिर बरी कर दिए गए सिम्पसन
इस घटना ने जूरी सदस्यों को ये प्रश्न करने पर मजबूर कर दिया कि क्या दस्ताने वास्तव में उनके थे? इस घटना पर सिम्पसन को बरी कर दिया गया था और फैसला सुनाया गया था कि वो इस मामले में 100 प्रतिशत निर्दोष हैं। 15 जून 1995 को घटी ये घटना मुकदमे के निर्णायक पहलुओं में से एक थी। हालांकि पर्यवेक्षकों ने बाद में ये कहा कि फिल्मों में अभिनय करने वाले सिम्पसन ने कोर्ट में भी अच्छा नाटक किया।
2008 को एक और मामले में हुई 17 साल की सज़ा
अमरीका के इस केस को देश के ऐतिहासिक ट्रायल माना जाता है। इसे ट्रायल ऑफ द सेंचुरी के नाम से जाना जाता है। बता दें कि इसके अलावा सिम्पसन को 2008 में हथियारों की डकैती के मामले भी सज़ा सुनाई गई थी जो 33 साल के लिए दी गई थी हालांकि 2017 में उन्हें इस केस से बरी कर दिया था।