दिन में पड़ रही जोरदार गर्मी से भूमि की नमी स्वत: ही खत्म हो गई है। इससे बिजाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर जहां बिजाई हो चुकी है वहां अंकुरण नहीं होने से हालात खराब हैं।
माधोराजपुरा। इस मानसून में जोरदार बारिश के बाद किसानों ने रबी फसल की बम्पर पैदावार की उम्मीद जताई थी, लेकिन दिन के तापमान ने भूमिपुत्रों की उम्मीदों पर पानी फेरना शुरू कर दिया है। दिन में पड़ रही जोरदार गर्मी से भूमि की नमी स्वत: ही खत्म हो गई है। इससे जहां बिजाई कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं जिन खेतों में बिजाई हो चुकी है वहां अंकुरण नहीं होने से हालात खराब हैं।
कई खेतों में तो दो-बार सरसों की बुवाई की जा चुकी है। दूसरी ओर भूमि में नमी के लिए खेतों में पळाव भी किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि महंगी दर पर बीज खरीदकर खेतों में डाला था लेकिन तापमान ने सारी उम्मीदें धूमिल कर दी हैं।
बता दें कि दिन का तापमान 35-36 डिग्री सैल्सियस है तो रात का तापमान करीब 20 डिग्री सैल्सियस चल रहा है। कस्बे सहित बीची, सेदरिया, भांकरोटा, चांदमाकला, खेड़ा बालाजी, दतूली, झराणा, झौंपड़िया, पीपला, चित्तौड़ा में भी कमोबेश ऐसे ही हालात हैं। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो सरसों की बिजाई के लिए 30 डिग्री सल्सियस तापमान अनुकूल होता है।