जैसलमेर

नेहड़ाई में वारदात…अब जैसलमेर शहर में सुरक्षा को लेकर चिंता

जैसलमेर जिले के नेहड़ाई गांव में एटीएम को उठा कर ले जाने की सनसनीखेज वारदात के बाद जिले में एटीएम बूथों की सुरक्षा का मसला नए सिरे से खड़ा हो गया है।

2 min read
Nov 09, 2025

जैसलमेर जिले के नेहड़ाई गांव में एटीएम को उठा कर ले जाने की सनसनीखेज वारदात के बाद जिले में एटीएम बूथों की सुरक्षा का मसला नए सिरे से खड़ा हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा की बात तो दूर की है, स्वयं जैसलमेर जिला मुख्यालय पर ही अधिकांश एटीएम पर सुरक्षा के बुनियादी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। शहर में कई बैंक शाखाओं के एटीएम बिना गार्ड के चल रहे हैं। केवल बैंकों में स्थापित एटीएम में ही बैंक के गार्ड होने से सुरक्षा की थोड़ी बहुत व्यवस्था है। एटीएम कक्षों के बाहर कैमरे तो अवश्य लगे हैं, लेकिन उनकी समय-समय पर सम्भाल भी होती है या नहीं, यह बड़ा सवाल है। जानकारी के अनुसार अलार्म सिस्टम भी ऐसे नहीं हैं, जिनका जुड़ाव संबंधित पुलिस थाना या बैंक प्रबंधन तक हो। इस लापरवाही से आम जनता के साथ-साथ बैंकों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। इस बीच यह जानकारी भी मिली है कि एटीएम में गार्ड लगाने के लिए लम्बे समय से कवायद नहीं की गई हैं। पत्रिका टीम ने शिव मार्ग, कलेक्ट्रेट के बाहर, हनुमान चौराहा, तालरिया पाड़ा, ढिब्बा पाड़ा आदि जैसे अहम स्थलों पर स्थापित राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों के एटीएम की सुरक्षा व्यवस्थाओं की हकीकत जानी तो हालात निराशाजनक मिले। शहर में विभिन्न बैंकों के करीब डेढ़ दर्जन एटीएम केंद्र स्थापित हैं। अधिकांश एटीएम बिना गार्ड के रात भर खुले रहते हैं और वहां किसी तरह की अवांछनीय गतिविधि को रोकने वाला कोई नहीं होता।

24 घंटे होनी चाहिए सुरक्षा

  • भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और गृह मंत्रालय की ओर से तय मानकों के अनुसार, हर एटीएम पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी रहनी चाहिए।
  • इसके अलावा, एटीएम कक्ष में निगरानी कैमरा, आपातकालीन अलार्म, और रात्रि के समय पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था अनिवार्य है। लेकिन जैसलमेर में इन नियमों का पालन बहुत ही सीमित जगहों पर होता दिख रहा है।
  • शहर सहित जिले भर में स्थापित एटीएम केंद्रों पर अधिकांश जगह गार्ड नहीं हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय एटीएम में प्रवेश करना असुरक्षित महसूस होता है। कई बार संदिग्ध व्यक्ति या पशु तक एटीएम में बैठे रहते हैं, जिससे उन्हें असुविधा होती है। स्थानीय निवासी श्यामसिंह ने बताया कि गार्ड की अनुपस्थिति से कभी भी चोरी या तोडफ़ोड़ की आशंका बनी रहती है।
  • पूर्व में जैसलमेर शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम आपराधिक तत्वों के निशाने पर आते रहे हैं। इसके बावजूद बैंक प्रबंधन की तरफ से उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
  • सेवानिवृत्त बैंककर्मी अशोक कुमार के अनुसार एटीएम पर गार्ड और कैमरे केवल औपचारिकता नहीं हैं, बल्कि यह बैंक और ग्राहक दोनों की सुरक्षा की पहली कड़ी हैं। बैंक प्रबंधन को इस ओर सख्त कदम उठाने चाहिए।

सुरक्षा बीमा के भरोसे बैंक

जानकारी के अनुसार प्रत्येक एटीएम का संबंधित बैंक की तरफ से सुरक्षा बीमा करवाया जाता है। ऐसा करने से बैंक प्रबंधन एक तरह से निश्चिंत हो जाते हैं कि एटीएम लूट या किसी अन्य तरह की वारदात होने पर उन्हें बीमा कवर मिल जाएगा। यही कारण है कि लम्बे समय से शाखाओं से दूर स्थापित एटीएम में सुरक्षा गार्ड नहीं हैं और जहां गार्ड लगे भी हैं, उनमें से बहुत कम के पास ही आवश्यक हथियार होते हैं। ऐसे केंद्रों में रैकी करने के बाद शातिर चोरों को वारदात करने का अवसर मिल जाता है। एटीएम में गार्ड नहीं होने से शातिर बदमाशों को कई बार अनभिज्ञ एटीएम कार्डधारकों के साथ ठगी करने का मौका भी मिल जाता है।

Published on:
09 Nov 2025 11:32 pm
Also Read
View All

अगली खबर