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आपकी बात : खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामलों पर कैसे अंकुश लगाया जा सकता है?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रिया दी हैं, प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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Aug 12, 2025

सक्षम स्तर पर हो परीक्षण की व्यवस्था
मिलावटखोरी वर्तमान समय में सबसे चिंताजनक समस्या है। उत्पादक एवं विक्रेता दोनों ही ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। किसी तीज त्यौहार के समय मिलावट का खेल और भी बढ़ जाता है। मिलावटखोरी को रोकने के लिए प्रत्येक सक्षम स्तर यानी ग्राम पंचायत से लेकर बड़े शहरों में वार्ड स्तर पर गहन परीक्षण व्यवस्था होनी चाहिए तथा जांच की समयबद्धता एवं कठोर दंड व्यवस्था से ही इस काले कारनामे पर अंकुश लगाया जा सकता है। - भंवरलाल सारण, बालोतरा

सख्त कार्रवाई से ही लगेगा अंकुश
जांच के बाद यदि खाद्य पदार्थों में मिलावट की पुष्टि हो जाती है तो मिलावट करने वाले या मिलावट की गतिविधियों मे लिप्त पाए जाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मिलावट के खिलाफ लोगों को भी जागरूक रहना चाहिए। जागरूकता अभियान त्यौहारों पर ही नहीं, बल्कि सामान्य दिनों में भी चलाए जाने चाहिए। सख्त कार्रवाई से ही अंकुश लगेगा। - चंपालाल दुबे, भोपाल

कठोर नियम बनाए जाएं
खाद्य मिलावट को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है। जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय किसानों का समर्थन करना महत्त्वपूर्ण है। मिलावट रहित भोजन के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए। - टी.एस. कार्तिक, चेन्नई

जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाना अनिवार्य है, जिसमें सरकारी एजेंसियां नियमित व अचानक जांच करें और दोषियों पर त्वरित व कठोर कार्रवाई हो। भारी जुर्माने, कारावास और लाइसेंस रद्द करने जैसे दंड से मिलावटखोरों में भय पैदा होगा। उपभोक्ताओं को मिलावट पहचानने के सरल तरीके और शिकायत प्लेटफॉर्म की जानकारी देकर उनकी भागीदारी बढ़ाना जरूरी है। साथ ही खाद्य सप्लाई चेन में डिजिटल ट्रैकिंग, क्यूआर कोड और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का प्रयोग करके उत्पादन से उपभोक्ता तक हर चरण पर गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। - हंसराज वर्मा, बिलोचिया

Published on:
12 Aug 2025 05:56 pm
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