CG News: छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर की जनजातीय सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2026 की तैयारियों को तीव्र गति दे दी है।
CG News: छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर की जनजातीय सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से बस्तर पंडुम 2026 की तैयारियों को तीव्र गति दे दी है। एक माह तक चलने वाला यह भव्य आयोजन 5 जनवरी से 5 फरवरी 2026 तक होगा, जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है। उच्च स्तरीय अधिकारियों के अनुसार, यह योजना अंतिम चरण में है और इसकी औपचारिक घोषणा जल्द होने की उम्मीद है।
सरकार ने इस आयोजन को केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि जनजातीय परंपराओं के संरक्षण और स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण का विस्तृत अभियान माना है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने अलग से विशेष बजट भी रखा है। सूत्रों के अनुसार, आयोजन पर लगभग 27 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए वित्त विभाग ने अलग शीर्ष में धनराशि प्रावधानित कर दी है।
अधिकारियों का कहना है कि यह प्रावधान आयोजन की गुणवत्ता, पैमाने और जनभागीदारी को बिल्कुल नए स्तर पर ले जाएगा। बीते वर्ष 2025 में हुए प्रथम संस्करण में 13 से 19 करोड़ रुपए खर्च हुआ था। समापन कार्यक्रम नारायणपुर में आयोजित हुआ था।
इस बार बस्तर पंडुम का दायरा बड़ा होने जा रहा है। बस्तर संभाग की 1885 ग्राम पंचायतें, 32 जनपद पंचायतें, 8 नगरपालिकाएं, 12 नगर पंचायतें और 1 नगर निगम इस सांस्कृतिक महोत्सव का हिस्सा बनेंगे। किसी भी राज्यस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में इतनी व्यापक भागीदारी पहली बार देखने को मिलेगी, जिससे यह आयोजन भारत के सबसे बड़े जनजातीय सांस्कृतिक अभियानों में शामिल होने जा रहा है। महोत्सव में बस्तर की जीवंत पहचान को अभिव्यक्त करने वाली लगभग 12 पारंपरिक विधाओं को शामिल किया गया है।