Video: चलती ट्रेन से गिरीं महिला, RPF जवान ने यूं बचाई जान
25 फरवरी तक यहीं रूकेंगे श्रद्धालु…
इस बार फिर से पाकिस्तान सरकार ने हिंदू कार्ड खेलते हुए पाकिस्तान के चकवाल जिला स्थित कटास राज मंदिर में कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया था। एक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड के चेयरमैन फराज अब्बास ने पिछले दिनों एक सोशल साइट के माध्यम से भारतीय हिंदू श्रद्धालुओं को पाकिस्तान आने का न्यौता दिया था। जिसके बाद बुधवार को अमृतसर स्थित दुर्गयाणा मंदिर कमेटी के सहयोग से श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली की तरफ से तीस श्रद्धालुओं के एक शिष्टमंडल को पाकिस्तान भेजा गया है। समाज सेवी सुनील कुमार खन्ना के नेतृत्व में पाकिस्तान रवाना हुए श्रद्धालु 25 फरवरी तक वहां रूकेंगे। इस दौरान वह कटासराज मंदिर में पूजा-अर्चना के अलावा शिवरात्रि के अवसर पर वहां होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
कभी नहीं देखा होगा ऐसा सामूहिक विवाह सम्मेलन, हर मायने में है खास
जानिए क्या है कटास राज का इतिहास…
कटास राज भगवान शिव का प्राचीन और बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। भगवान शिव का हर भक्त इसकी महिमा जानने के बाद यहां अवश्य जाना चाहेगा। मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित है। मंदिर में एक सरोवर भी है। यह सरोवर सबसे ज्यादा महत्व रखता है। माना जाता है कि माता सती के अग्नी समाधी लेने के बाद भगवान शिव की आंखों से दो आंसू की बूंदे निकली। एक बूंद यहां गिरी जिससे यह सरोवर बना। दूसरी बूंद राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर में गिरी। इससे पुष्कर सरोवर बना। पुष्कर को तीर्थराज कहा जाता है। इसके बारे में हम सभी ज्यादा जानते है क्योंकि यहां आसानी से जाया जा सकता है साथ ही पुष्कर पर्यटन और आस्था का केंद्र है। लेकिन अक्सर ऐसी ख़बरें सामने आती हैं कि पाकिस्तान सरकार कटास राज मंदिर को नजरअंदाज कर रही है। उचित देखभाल नहीं होने के बाद भी सरोवर का पानी बिल्कुल साफ रहता है यह अपने आप में चमत्कार की तरह है। भले ही यह प्राचीन मंदिर बंटवारे के बाद पाकिस्तान में चला गया। लेकिन भक्तों की श्रद्धा कटास राज के प्रति कम नहीं हुई। श्रद्धालु हमेशा यहां जाने के लिए आतुर रहते हैं।