आटा चक्की में रखने थे हथियार
इनसे पूछताछ में सामने आया है कि कस्बा झब्बाल स्थित आटा-चक्की को आतंकी अपना सुरक्षित ठिकाना समझते थे। ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से आए हथियार यहीं आटे और गेहूं की बोरियों में छिपाकर रखे जाने थे। इसे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के अडडे के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था। रोमनदीप के घर में लगी आटा-चक्की में आटे की पिसाई कम ही होती थी। यहां रोमनदीप व उसके साथी साजिश रचा करते थे। कस्बा चोहला साहिब के पास 22 सितंबर को स्विफ्ट कार में सवार चार आतंकियों की गिरफ्तारी होते ही झब्बाल के रोमनदीप सिंह व उसके पिता दिलबाग सिंह भूमिगत हो गए थे।
अगस्त में आए थे हथियार
सूत्रों के अनुसार पंडोरी गोला में हुए ब्लास्ट के बाद सिख फॉर जस्टिस के समर्थकों का आटा-चक्की पर आना-जाना था। अगस्त में पाकिस्तान से हथियार भारत भेजे गए थे। इन हथियारों को रोमनदीप की आटा-चक्की में गेहूं व आटे की बोरियों में छिपा कर लाना या ले जाना आसान था, इसलिए आटा-चक्की को सुरक्षित अड्डा माना जा रहा था। पकड़े गए आतंकियों में से बाबा बलवंत सिंह निहंग ने पूछताछ में बताया था कि कस्बा झब्बाल से थोड़ी दूर धार्मिक डेरे पर भी उसका आना-जाना था। वह ज्यादातर होशियारपुर जिले में ही रहता था। वह सीधे आतंकी साजनप्रीत सिंह के संपर्क में था। साजनप्रीत सिंह के माध्यम से रोमनदीप सिंह ने अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था।